ट्रंप ने रूस को दी चेतावनी, जासूसी करने वाले विमानों को गिरा देंगे
डोनाल्ड ट्रंप ने अगर वो सत्ता में आए तो रूसी सेना द्वारा किसी भी भड़काने वाली कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देंगे। अमेरिकी रक्षा प्रतिष्ठानों की जासूसी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वाशिंगटन (आरटी)। रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति के दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को खुली धमकी दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी जहाजों या रक्षा प्रतिष्ठानों के आस पास मंडराने वाले रूसी विमानों को मार गिराना जा सकता है। हालांकि पेंटागन ने कहा कि रूसी फाइटर प्लेन सिर्फ सिग्नल देने के लिए अमेरिका जहाजों के पास आते हैं। उनका मकसद भड़काने वाली कार्रवाई करने का नहीं होता है। पिछले कुछ महीनों में बाल्टिक सागर की अंतरराष्ट्रीय स्पेस में कई बार रूसी और अमेरिकन जहाज एक दूसरे के करीब आए।
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अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक रूसी प्लेन अमेरिकी ठिकानों की जासूसी के लिए अक्सर उड़ान भरते रहते हैं। ताजा मामला पिछले शुक्रवार का है जब रूस के सुखोई विमान एसयू-27 ने अमेरिकन आरसी-135 यू के काफी करीब जाकर उड़ान भरा।रूसी वायुसेना के इन हरकतों पर ट्रंप ने ओबामा प्रशासन की जमकर खिंचाई की। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेट्स सिर्फ बयानबाजी में आगेे हैं। उन्हें अमेरिका की भलाई से लेना देना नहीं है।
ओबामा की खिल्ली उड़ाते हुए ट्रंप ने कहा कि इस संवेदनशील विषय पर हमारे राष्ट्रपति ओबामा रूसी राष्ट्रपति पुतिन को फोन कर याचना करेंगे। ट्रंप ने कहा कि रूस के सामने झुकने से अमेरिका का अपमान है। अमेरिकी नागरिकों का अपमान है। आप सभी लोग जानते हैं कि रूसी न तो अमेरिका का सम्मान करते हैं न ही ओबामा की।
ट्रंप के आरोपों को रूसी रक्षा मंत्री ने दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि रूस किसी भी तरह के भड़काने वाली कार्रवाई में विश्वास नहीं करता है। रूस ने कहा कि अगर बाल्टिक सागर में रूसी सीमा के पास अमेरिका ने जासूसी विमानों को नहीं भेजा होता को रूस सुखोई विमान नहीं भेजता। बाल्टिक सागर में तैनात अमेरिकी फौज के एक अधिकारी ने कहा कि रूसी विंमान अमेरिकी रक्षा प्रतिष्ठानों की जासूसी में शामिल नहीं थे।
अमेरिकी फौज के प्रवक्ता ने कहा कि कुछ टैक्टिकल वजहों से इस तरह की घटनाओं का होना संभव है। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंंत्री जॉन केरी ने कहा था कि अगर रूसी विमानों के जासूसी के मामलों में शामिल होने का सबूत मिलेगा तो अमेरिका किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। पिछले दो सालों में अमेरिका ने यूरोप खासतौर से पोलैंड के करीब बाल्टिक सागर में सैनिकों की संख्या में इजाफा किया है। हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कॉर्टर ने कहा कि नेटो, सेना की मजबूती के लिए अमेरिका इन इलाकों में और सैनिकों की तैनाती करेगा।