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आतंकवाद पर वार्ता के लिए शीर्ष अमेरिकी राजनयिक के दोबारा कतर जाने की उम्मीद

जिद्दा में टिल्लर्सन के आगमन से कुछ ही घंटे पहले ही चार अरब राज्यों ने कहा कि आतंकवाद प्रतिरोध समझौता पर हस्ताक्षर कर देने मात्र से उनकी चिंता कम नहीं हो जाती है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Thu, 13 Jul 2017 02:49 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jul 2017 02:55 PM (IST)
आतंकवाद पर वार्ता के लिए शीर्ष अमेरिकी राजनयिक के दोबारा कतर जाने की उम्मीद
आतंकवाद पर वार्ता के लिए शीर्ष अमेरिकी राजनयिक के दोबारा कतर जाने की उम्मीद

दुबई (एपी)। सऊदी अरब के किंग और अरब देशों के अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत शुरू करने के एक दिन बाद, अमेरिका के शीर्ष राजनयिक के कतर के साथ अतिरिक्त बातचीत के लिए वापस जाने की उम्मीद है। कतर विरोधी देशों के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिल्लर्सन की यात्रा से अब तक कोई सफलता नहीं दिखाई है। कुवैत से पश्चिमी सऊदी शहर जिद्दह की यात्रा में टिल्लर्सन ने मंगलवार को कतर के अमीर शेख तामिक बिन हमद अल थानी के साथ चर्चा की, हालांकि यह मुलाकात केवल आतंकवाद रोधी संधि पर हस्ताक्षर होने के साथ समाप्त हो गया।

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मालूम हो कि, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने दोहा पर उग्रवादी समूहों के समर्थन का आरोप लगाते हुए कतर के साथ सारे संबंध तोड़ दिए और एक महीने पहले ही हवा, समुद्र और भूमि मार्गों को अवरुद्ध कर दिया। हालांकि कतर इन आरोपों से इनकार करता है। जिद्दा में टिल्लर्सन के आगमन से कुछ ही घंटे पहले ही चार अरब राज्यों ने कहा कि आतंकवाद प्रतिरोध समझौता पर हस्ताक्षर कर देने मात्र से उनकी चिंता कम नहीं हो जाती है। टिल्लर्सन ने कतर के चार विरोधी देशों के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की। 

कतर विरोधी चार देशों ने पिछले महीने कतर से अल जज़ीरा नेटवर्क और अन्य समाचार आउटलेट बंद करने, मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे इस्लामिक समूहों के साथ संबंधों को कम करने, ईरान के साथ कतर के संबंधों को सीमित करने समेत 13 सूत्री मांगों की एक सूची जारी की थी। जिसके बाद कतर ने इन मांगों को खारिज करते हुए कहा कि इससे उसके देश की संप्रभुता कमजोर पड़ जाएगी। "कतर विरोधी देशों ने अमेरिका के आतंकवाद विरोधी समझौते पर किये गए हस्ताक्षर को इन मांगों का परिणाम बताया जो दूर तक जाने में नाकाम रहा। इसके अलावा इन देशों ने आतंकवादी फंडिंग को रोकने के अमेरिकी नेतृत्व के प्रयासों की सराहना की। 

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