युद्ध में बच्चों को धकेल रहे हैं सीरियाई विद्रोही समूह
बेरुत। सीरिया में इस्लामी विद्रोहियों के समूह युद्ध में बच्चों की भी भर्ती कर रहे हैं। ह्यूमन राइट्स वाच की एक रिपोर्ट में कहा गया कि बच्चों को मुफ्त शिक्षा के वादे के साथ युद्ध के लिए भर्ती किया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इराक में लगातार कब्जा बढ़ा रहे आइएसआइएस समूह ने सीरिया में बच्चों को हथियार चलाने
बेरुत। सीरिया में इस्लामी विद्रोहियों के समूह युद्ध में बच्चों की भी भर्ती कर रहे हैं। ह्यूमन राइट्स वाच की एक रिपोर्ट में कहा गया कि बच्चों को मुफ्त शिक्षा के वादे के साथ युद्ध के लिए भर्ती किया जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इराक में लगातार कब्जा बढ़ा रहे आइएसआइएस समूह ने सीरिया में बच्चों को हथियार चलाने और आत्मघाती बम ले जाने का प्रशिक्षण दिया है। मानवाधिकार समूह को आधुनिक पश्चिमी विचारों वाली फ्री सीरियन आर्मी, अल कायदा से संबद्ध नुसरा फ्रंट, इस्लामिक फ्रंट कोएलिशन और कुर्द नियंत्रित क्षेत्रों के सुरक्षा बलों में बच्चों के शामिल किए जाने के प्रमाण मिले हैं।
रिपोर्ट की लेखिका प्रियंका मोटापर्थी ने कहा कि सीरिया के सशस्त्र संकट का सबसे बुरा पहलू यह है कि बच्चों को भी युद्ध में धकेला जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि 14 साल के बच्चों को युद्ध में सहायक के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। मानवाधिकार संबंधी एक समूह ने रविवार को कहा था कि अपहृत बच्चों के परिजनों को डर है कि बच्चों का इस्तेमाल कार बम या आत्मघाती हमलों में किया जा सकता है।
मजेद नाम के एक 16 वर्षीय लड़के ने बताया कि उसे और अन्य लड़कों को नुसरा फ्रंट ने भर्ती किया था। समूह इन बच्चों को पास की एक मस्जिद में पढ़ाता था। इसमें सैन्य प्रशिक्षण भी दिया जाता था। कमांडर बच्चों और बड़ों को आत्मघाती हमले के लिए समझाता था। कई बार कमांडर कहता था कि तुम्हें अल्लाह ने इस काम के लिए चुना है। एक आंकड़े के अनुसार, देश में सितंबर, 2011 से 194 गैर नागरिक लड़कों की मौत हो चुकी है।
ब्रिटिश युवा भी है आइएसआइएस का हिस्सा
सीरिया में जेहादियों के समूह में 17 साल का ब्रिटिश लड़का भी शामिल है। असील मुथाना नाम का यह लड़का अपने स्कूली दिनों में भी ¨हसक समूह का हिस्सा हुआ करता था। उसने 10 साल की उम्र के करीब 15 बच्चों का गैंग बना रखा था जो कि चाकू और बंदूक लेकर चला करते थे। इनके गैंग को डॉक रिवरसाइड ग्रेंगटाउन क्रू के नाम से जाना जाता था। असील ने अपने बड़े भाई नसीर के नक्शेकदम पर चलते हुए आइएसआइएस से जुड़ने का फैसला किया।
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