म्यांमार ने कहा किसी तरह की विद्रोही गतिविधि को स्वीकार नहीं करेंगे
म्यांमार में भारतीय सेना द्वारा उग्रवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर वहां की सरकार भ्ाी घबरा गई है। यही कारण है कि म्यांमार का कहना है कि उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई हमारी भूमि पर नहीं हुई है। भारतीय सेना ने अपनी भूमि पर उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई की
यंगून। म्यांमार में भारतीय सेना द्वारा उग्रवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर वहां की सरकार भ्ाी घबरा गई है। यही कारण है कि म्यांमार का कहना है कि उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई हमारी भूमि पर नहीं हुई है। भारतीय सेना ने अपनी भूमि पर उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
म्यांमार के राष्ट्रपति कार्यालय के निदेशक जॉ हते ने कहा कि हम अपनी धरती पर किसी तरह की विद्रोही गतिविधि को स्वीकार नहीं करेंगे, जो पड़ोसियों पर हमला करके मुसीबत खड़ी करे। इससे पहले, भारत की ओर से दावा किया गया था कि भारतीय सुरक्षा बलों ने म्यांमार की सीमा में घुसकर उग्रवादियों का सफाया किया। म्यांमार में घुसकर मणिपुर हमले का बदला लेने पर सरकार वाहवाही भी लूट रही थी।
मिलिट्री ऑपरेशन के बारे में दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश से लौटते ही सेना को इस ऑपरेशन के लिए हरी झंडी मिली, जिसके बाद सीमा लांघकर फौज ने 50 से अधिक उग्रवादियों को ढेर कर डाला।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस ऑपरेशन में 50 से अधिक उग्रवादियों को मार गिराया गया, जबकि सात अन्य घायल हुए। गौरतलब है कि मणिपुर के चंदेल इलाके में 4 जून को उग्रवादियों ने घात लगाकर भारतीय जवानों पर हमला किया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के कुछ घंटों बाद अपनी तरह के इस पहले अभियान की योजना बनाई गई और 7 जून की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश से लौटने के बाद इस योजना पर उनकी मंजूरी ली गई।
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