अरब जगत को तबाह कर देगा आइएस
मिस्र में सुन्नियों के सबसे बड़े व पुराने इस्लामी शिक्षा संस्थान अल अजहर ने इस्लामिक स्टेट (आइएस) के आतंकियों को अपराधी बताया है। उन्होंने कहा कि आइएस अरब जगत को तबाह करने की साजिश रच रहा है। संस्थान के प्रमुख शेख अहमद अल तैयब ने सोमवार को कहा कि यह अपराधी संगठन विश्व में मुसलमानों की छवि को कलंकित
काइरो। मिस्र में सुन्नियों के सबसे बड़े व पुराने इस्लामी शिक्षा संस्थान अल अजहर ने इस्लामिक स्टेट (आइएस) के आतंकियों को अपराधी बताया है। उन्होंने कहा कि आइएस अरब जगत को तबाह करने की साजिश रच रहा है।
संस्थान के प्रमुख शेख अहमद अल तैयब ने सोमवार को कहा कि यह अपराधी संगठन विश्व में मुसलमानों की छवि को कलंकित कर रहा है। यह कट्टरपंथी आतंकी समूह और इसके समर्थकों के कृत्य यहूदीवाद को मदद पहुंचाने व अरब जगत को तबाह करने वाले हैं।
इस बीच, अरब लीग ने इस कट्टरपंथी संगठन से लड़ने के लिए कमर कस ली है। रविवार रात लीग के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जारी प्रस्ताव में आइएस से लड़ने का फैसला लिया गया। लीग के इस फैसले से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को राहत पहुंचेगी, जो बुधवार को आइएस के खिलाफ लड़ाई की रणनीति का एलान करने वाले हैं। उन्होंने इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मांग भी की है।
अरब लीग के प्रस्ताव में कहा गया है कि इस आतंकी संगठन से हमें राजनीतिक, रक्षा, सुरक्षा व कानूनी मोर्चे पर लड़ाई लड़नी होगी।
उधर, ईरान ने आइएस से जुड़ने के लिए इराक व सीरिया जाने की कोशिश कर रहे अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कुछ नागरिकों को गिरफ्तार किया है। गृह मंत्री अब्दुलरजा रहमानी फजली ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि हमारे सुरक्षा बल इन दोनों देश के नागरिकों पर कड़ी नजर रख रहे है।
सऊदी अरब की विशेष अदालत ने लड़ाई के लिए विदेश यात्रा करने, आतंकी विचारधारा अपनाने और शासकों की अवज्ञा करने के आरोप में छह आरोपियों को छह साल तक की सजा सुनाई है। सऊदी के सुल्तान ने पिछले माह भी सुरक्षा कारणों से दर्जनों लोगों पर मुकदमा चलाकर उन्हें जेल भेजा था। सरकार को आशंका है कि इराक और सीरिया में चल रही लड़ाई से सऊदी अरब की नई पीढ़ी कट्टरपंथी हो जाएगी।
इराक-सीरिया में महिलाओं को बचाया जाए: यूएन
संयुक्त राष्ट्र के नए मानवाधिकार प्रमुख ने इराक और सीरिया में महिलाओं और अल्पसंख्यकों को आइएस आतंकियों से बचाने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में जॉर्डन के पूर्व राजदूत जैद राद अल हुसैन ने परिषद में तीखे संबोधन में कहा कि आइएस द्वारा संचालित कोई भी देश कठोर, अनुदार और खूनी घर साबित होगा।
जैद ने कहा कि धार्मिक व जातीय अल्पसंख्यकों, जबरिया भर्ती व यौन प्रताड़ना के शिकार हो रहे बच्चों और गंभीर प्रतिबंध झेल रही महिलाओं को बचाने के लिए तत्काल कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है। जैद ने आईएस को 'तकफिरी' निरपित किया।
तकफिरी उन लोगों को कहा जाता है जो दूसरों को अधर्मी बताकर उनकी हत्या को जायज ठहराते हैं। उन्होंने कहा कि नाईजीरिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, यमन, केन्या, सोमालिया, माली, लीबिया, सीरिया और इराक सहित दुनिया के अनेक हिस्सों में हम यही मनोवृत्ति देख रहे हैं।
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