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10 लोगों को नहीं दी शरण, भरा दो करोड़ जुर्माना

स्विट्जरलैंड के ओवेरविल-लिली नामक गांव ने शरणार्थियों को जगह देने के बजाय दो लाख पौंड (करीब दो करोड़ रुपये) जुर्माना भरना बेहतर समझा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 31 May 2016 05:30 PM (IST)Updated: Tue, 31 May 2016 10:53 PM (IST)
10 लोगों को नहीं दी शरण, भरा दो करोड़ जुर्माना

लंदन, प्रेट्र। स्विट्जरलैंड के एक गांव ने 10 शरणार्थियों को जगह देने से इन्कार कर दिया है। ओवेरविल-लिली नामक इस गांव ने इसकी बजाय दो लाख पौंड (करीब दो करोड़ रुपये) जुर्माना भरना बेहतर समझा। शरणार्थियों को बसाने की सरकार की योजना के तहत इस गांव को 10 लोगों को शरण देना था। स्विट्जरलैंड की सरकार ने 50 हजार शरणार्थियों को देश में जगह देने के लिए यह कोटा सिस्टम लागू किया है।

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गांव के लोगों ने जनमतसंग्रह के दौरान सरकार की योजना को सिरे से खारिज कर दिया। कुछ लोग इसे नस्लवादी मानसिकता से भरा फैसला बता रहे हैं। हालांकि गांव के मेयर एंड्रीज ग्लार्नर ने इस बात से इन्कार किया है कि ग्रामीणों ने नस्लवादी मानसिकता से प्रेरित होकर यह फैसला किया। उन्होंने मेट्रो डॉट को डॉट यूके से बातचीत में कहा कि सीरियाई शरणार्थियों को मदद की जरूरत है। उन्हें शिविरों में रखकर भी मदद दी जा सकती है। हमने उनकी सुविधा के लिए पैसे दे दिए हैं। लेकिन, यदि हम उन्हें अपने गांव में जगह देते तो इसका गलत संदेश जाता। इससे दूसरे लोग भी मानव तस्करों को पैसा देकर यहां पहुंचने के लिए प्रोत्साहित होंगे। इससे हमारे जीवन पर खतरा पैदा हो सकता है।

पढ़ेंः शरणार्थी समस्या से निपटने में भारत से सबक ले यूरोप

उन्होंने कहा कि शरणार्थियों के साथ भाषा की भी समस्या है। शरण देने के बाद उनके बच्चों के लिए स्थानीय स्कूलों में विशेष इंतजाम करने की जरूरत होगी। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय प्रवासी संगठन और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार बीते साल करीब 10 लाख लोग शरण लेने के लिए यूरोप पहुंचे हैं। यह संख्या 2014 के मुकाबले चार गुना है। इस समस्या से निपटने के लिए लागू किए गए कोटा सिस्टम का कई यूरोपीय देशों में विरोध हो रहा है।

300 करोड़पति

ओवेरविल-लिली स्विट्जरलैंड ही नहीं यूरोप के सबसे धनी गांवों में से एक है। इस गांव की आबादी 22 हजार है। तीन सौ करोड़पति इस गांव में रहते हैं।


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