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दक्षेस देशों में ऊर्जा सहयोग पर बनी बात

18वें दक्षेस शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन सदस्य देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर करार हो गया। इस समझौते से दक्षिण एशिया के देशों में बिजली की आपूíत बढ़ेगी और क्षेत्रीय पॉवर ग्रिड शुरू करने में मदद मिलेगी।

By Murari sharanEdited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 07:54 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 08:22 PM (IST)
दक्षेस देशों में ऊर्जा सहयोग पर बनी बात

काठमांडू। 18वें दक्षेस शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन सदस्य देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर करार हो गया। इस समझौते से दक्षिण एशिया के देशों में बिजली की आपूíत बढ़ेगी और क्षेत्रीय पॉवर ग्रिड शुरू करने में मदद मिलेगी। गुरुवार को समझौते पर दक्षेस देशों के विदेश मंत्रियों ने हस्ताक्षर किए।

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हालांकि पाकिस्तान के विरोध के चलते दक्षेस मोटर वाहन करार और दक्षेस रेल करार पर दस्तखत नहीं हो सका। इन समझौता प्रस्तावों पर पाकिस्तान को राजी करने के लिए जोरदार कूटनयिक प्रयास किया गया। शिखर सम्मेलन की विफलता की आशंका से नेपाली दल खासतौर पर निराश नजर आ रहा था। आखिरकार पाकिस्तान ऊर्जा समझौते को मंजूरी देने के लिए राजी हुआ।

मोटर वाहन समझौता और रेल समझौता पर दस्तखत के लिए तीन महीने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस बीच, पाकिस्तान ने समझौता प्रस्तावों में अडं़गा डालने की खबरों को गलत बताया है। इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने कहा कि पाकिस्तान के अलावा कुछ और देश इसके लिए तैयार नहीं हैं।

अगला सम्मेलन पाक में

दक्षेस के नए अध्यक्ष और नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने गुरुवार को घोषणा की कि अगला दक्षेस शिखर सम्मेलन 2016 में पाकिस्तान में आयोजित किया जाएगा। समापन समारोह में कोइराला ने कहा कि सम्मेलन सफल रहा।

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