रूस में मिले उल्कापिंड के टुकड़े
मास्को। वैज्ञानिकों ने रूस के यूराल पर्वत के पास आकाश से गिरे उल्कापिंड के टुकड़े खोज निकालने का दावा किया है। गौरतलब है कि शुक्रवार को इस उल्कापिंड ने कहर ढाया था। 1200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। जबकि घरों व इमारतों के शीशे टूट गए। ज्यादातर लोग टूटे कांच के टुकड़ों से ही जख्मी हुए थे।
मास्को। वैज्ञानिकों ने रूस के यूराल पर्वत के पास आकाश से गिरे उल्कापिंड के टुकड़े खोज निकालने का दावा किया है। गौरतलब है कि शुक्रवार को इस उल्कापिंड ने कहर ढाया था। 1200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। जबकि घरों व इमारतों के शीशे टूट गए। ज्यादातर लोग टूटे कांच के टुकड़ों से ही जख्मी हुए थे।
यह उल्कापिंड मध्य रूस के चेल्याबिंस्क शहर में गिरा था। यह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1945 में जापान के हिरोशिमा शहर में गिराए गए परमाणु बम से तीस गुना ज्यादा शक्तिशाली था। 6,43,734 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाला यह उल्कापिंड धरती के वातावरण में प्रवेश करने के 32.5 सेकेंड बाद विस्फोट के साथ 24 किमी ऊपर ही टुकड़े-टुकड़े हो गया था। छह गोताखोरों के एक समूह ने उल्कापिंड के टुकड़ों को खोजने के लिए राजधानी मास्को से करीब डेढ़ हजार किलोमीटर पूर्व में चेल्याबिंस्क क्षेत्र की जमी हुई झील की तलहटी खंगालनी शुरू कर दी थी। माना जा रहा था कि उल्का का कुछ हिस्सा इसी झील च्लेक चेबारकुलच में गिरा था, शुरुआत में उन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगी। रविवार को कुछ आसामान्य चंट्टानों का रासायनिक परीक्षण करने पर रूसी विज्ञान अकादमी के सदस्यों ने पाया कि ये टुकड़े अंतरिक्ष से गिरे उल्कापिंड के हैं।
रूसी विज्ञान अकादमी के सदस्य विक्टोर ग्रोखोवस्की ने बताया कि हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि हमारे खोजकर्मियों को चेबारकुलच झील के पास मिले कणों के पदार्थ की संरचना एक उल्कापिंड की है। इन चंट्टानों में करीब 10 फीसद लोहा मौजूद है।
एक अरब का हुआ नुकसान
मास्को। उल्कापिंड के धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने और रूस की धरती से टकराने से तीन करोड़ डॉलर [करीब एक अरब रुपये] का नुकसान हुआ है। चेल्याबिंस्क के गवर्नर मिखाइल युरेविच ने बताया कि इस खगोलीय घटना से करीब एक लाख घरों के लोग प्रभावित हुए हैं, जिससे तीन करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है।
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