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चीनी उत्‍पादों के बहिष्‍कार से भारत को होगा नुकसान: चीनी मीडिया

चीनी मीडिया के अनुसार, चीनी उत्‍पादों के बहिष्‍कार का भारत का निर्णय देश को पीछे कर देगा।

By Monika minalEdited By: Published: Tue, 01 Aug 2017 05:18 PM (IST)Updated: Tue, 01 Aug 2017 05:18 PM (IST)
चीनी उत्‍पादों के बहिष्‍कार से भारत को होगा नुकसान: चीनी मीडिया
चीनी उत्‍पादों के बहिष्‍कार से भारत को होगा नुकसान: चीनी मीडिया

बीजिंग (आइएएनएस)। चीनी मीडिया के अनुसार, विदेशी कंपनियों की होड़ से अपने उद्योगों के बचाव का प्रयास भारत को भले ही कुछ समय तक फायदा दे सकता है लेकिन अंततः नई दिल्ली के औद्योगिक विकास को यह बाधित करेगी।

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रिपोर्ट के अनुसार, 21 जुलाई को मलेशिया चीन और ताइवान से फोटोवोल्‍टाइक (पीवी) सेल्‍स व यूनिट के लिए एंटी-डंपिंग शुरू करने की घोषणा की। इस वर्ष चीनी सामानों के खिलाफ भारत ने जांच की नवीनतम सीरीज शुरू हुई।

दैनिक ग्‍लोबल टाइम्‍स के अनुसार, द्विपक्षीय व्‍यापार में बढ़ोतरी के बीच भारत ने इस साल की पहली छमाही में चीनी उत्‍पादों में 12 जांच के मामले शुरू किए। इसके साथ ही भारत, चीन के खिलाफ सबसे अधिक जांच के मामले वाला देश बन गया। चीन के वाणिज्य मंत्रालय और जांच ब्यूरो के प्रमुख वांग हेजून ने भारत से व्यापार के लिए किए गए उपायों और इंवेस्‍टिगेशन ब्‍यूरो से बचने का आग्रह किया है। उन्‍होंने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार विचार विमर्श के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। भारत और चीन के बीच गहन व्यापार संघर्ष को सुलझाने के कई उपाय हैं। विकास के कुछ वर्षों के बाद, भारत के उद्योगों ने प्रगति की है और भारत में कई कंपनियां अब उन चीजों का उत्पादन करती हैं जो चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं।

‘चीनी उत्पादकों अभी भी तैयार हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भारत सरकार अपने स्थानीय उद्योगों की रक्षा हेतु अग्रसर है। लेकिन स्थानीय बाजारों से चीनी उत्पादों को हटाना गलत है। ग्‍लोबल टाइम्‍स के अनुसार, बगैर प्रतिस्पर्धात्मक दबाव के स्थानीय उद्योग लागत कम करने और गुणवत्ता में सुधार करने के लिए तकनीकी नवाचार में निवेश के लिए प्रेरित नहीं होंगे। यह उद्योग के दीर्घकालिक विकास के लिए अनुकूल नहीं होगा।

बता दें कि भारतीय बाजार पर चीन बुरी तरह हावी है। देश में बच्चों के खिलौने और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट जैसे एलईडी बल्ब, मोबाइल, पॉवर बैंक आदि के बाजार पर चीनी कंपनियों की मजबूत पकड़ है। भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा तीन लाख करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है। भारत के साथ संबंध बिगड़ने के बावजूद बीते वित्त वर्ष में चीन का भारत में निर्यात 58.33 बिलियन डॉलर था, जो 2015 की तुलना में 0.2 फीसदी ज्यादा है।

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