हिंदू रिपोर्टर पर अब आरोप वापस लेने का दबाव
चंद रोज पहले सीनियर रिपोर्टर साहिब खान ने आरोप लगाया था कि कार्यालय में उसे अलग गिलास में पानी दिया जाता है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तानी समाचार एजेंसी में कार्यरत हिंदू रिपोर्टर पर अब अपना यह आरोप वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है कि उसके साथ कार्यालय में भेदभाव होता है। चंद रोज पहले सीनियर रिपोर्टर साहिब खान ने आरोप लगाया था कि कार्यालय में उसे अलग गिलास में पानी दिया जाता है।
एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) में सीनियर रिपोर्टर पद पर कार्यरत साहिब खान के अनुसार बुधवार को ब्यूरो चीफ ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाकर चार घंटे से ज्यादा समय तक बैठाया। दबाव डाला कि वह स्पष्टीकरण दें कि मीडिया में उनसे संबंधित आई रिपोर्ट झूठी हैं। उनके साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होता। साहिब खान दादू जिले से ताल्लुक रखते हैं।
वह इस्लामाबाद में रिपोर्टर के तौर भर्ती हुए थे। वहां से उनका तबादला हैदराबाद के लिए हुआ, जहां से वह बीती अप्रैल में कराची भेजे गए। नाम के आगे खान लगा होने के कारण किसी को पता नहीं चला कि वह मुसलमान नहीं हिंदू हैं। एक दिन उनका बेटा राजकुमार कार्यालय आया, तब लोगों को उनके हिंदू होने का पता चला। अगले ही दिन ब्यूरो चीफ ने उन्हें बुलाकर कहा कि वह कार्यालय में खाने-पीने के लिए अलग बर्तनों का इस्तेमाल करें, क्योंकि एक जैसे बर्तनों के इस्तेमाल में अन्य लोगों को आपत्ति है।
साहिब खान का दावे के विपरीत ब्यूरो चीफ परवेज असलम ने आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा है कि धर्म के आधार पर एसोसिएटेड प्रेस में किसी के साथ भेदभाव नहीं होता। उन्होंने कहा कि साहिब को लेकर किसी को गलतफहमी नहीं थी, सभी साथी शुरू से जानते थे कि वह हिंदू हैं। सभी उनके साथ बराबरी और गैरभेदभाव वाला व्यवहार करते हैं। एपीपी प्रबंधन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जल्द ही नतीजा सामने होगा। इस बीच पत्रकार संगठनों ने साहिब के साथ हो रहे भेदभाव की निंदा की है।
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