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योग कक्षा खत्म कराने को अभिभावक अदालत पहुंचे

वाशिंगटन। कैलिफोर्निया में अभिभावकों की शिकायत के बाद एक स्कूल के खिलाफ दीवानी का मुकदमा दायर किया गया है। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल में सिखाया जाने वाला योग गैरकानूनी है और इससे धार्मिक विश्वास को बढ़ावा मिल रहा है। हालांकि मुकदमे के तहत किसी तरह के मुआवजे की मांग नहीं की गई है। अभिभावकों की ओर से नेशनल सेंटर फॉर लॉ एंड पॉलिसी द्वारा यह मुकदमा दायर किया गया है।

By Edited By: Published: Sat, 09 Mar 2013 04:55 PM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2013 06:01 PM (IST)
योग कक्षा खत्म कराने को अभिभावक अदालत पहुंचे

वाशिंगटन। कैलिफोर्निया में अभिभावकों की शिकायत के बाद एक स्कूल के खिलाफ दीवानी का मुकदमा दायर किया गया है।

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अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल में सिखाया जाने वाला योग गैरकानूनी है और इससे धार्मिक विश्वास को बढ़ावा मिल रहा है। हालांकि मुकदमे के तहत किसी तरह के मुआवजे की मांग नहीं की गई है। अभिभावकों की ओर से नेशनल सेंटर फॉर लॉ एंड पॉलिसी द्वारा यह मुकदमा दायर किया गया है।

सैन डिएगो की विशेष अदालत से इन्सीनिटास यूनियन स्कूल डिस्ट्रिक [ईयूएसडी] में चलने वाले अष्टांग योग कार्यक्रम को जल्द से जल्द समाप्त करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही इसकी जगह परंपरागत शारीरिक शिक्षा को शुरू कराने का निवेदन किया गया है। मुकदमे के पक्ष में अपना मत देते हुए प्रोफेसर कैंडी गंथर ब्राउन ने कहा कि अष्टांग योग कार्यक्रम व्यापक तौर पर धार्मिक है। इसकी जड़ें हिंदू, बौद्ध, और पश्चिमी आध्यात्मिक धार्मिक विश्वासों और प्रथाओं में निहित है।

स्कूल को केपी जोइस फाउंडेशन द्वारा इस कार्यक्रम के लिए दो करोड़ 90 लाख रुपये का अनुदान भी दिया गया है। वहीं ईयूएसडी के अधीक्षक डॉक्टर टिमोथी बायर्ड इस कार्यक्रम को असंवैधानिक नहीं मानते। उनका कहना है कि इसके तहत किसी तरह का धार्मिक बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है।

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