पाकिस्तान ने कुलभूूषण जाधव पर 16वीं बार ठुकराई भारत की अपील
पाकिस्तान ने एक बार फिर कुलभूषण जाधव पर भारत की अपील को ठुकरा दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। क्या पाकिस्तानी हुक्मरानों का दिल एक मां की आवाज से पिघलेगा? भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाने के बाद वैसे तो पाकिस्तान भारत के हर कूटनीतिक मांग को खारिज कर दिया है लेकिन उसके लिए जाधव की मां की मांग को ठुकराना आसान नहीं होगा। भारत की तरफ से आज पाकिस्तान को जाधव की मांग की तरफ से एक अपील दी गई कि पाक सरकार पूरे मामले में हस्तक्षेप करे और जाधव की रिहाई सुनिश्चित करे।
पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग गौतम बंबवाले ने बुधवार को विदेश सचिव तहमीना जांजुआ से मुलाकात की और उनसे एक बार यह मांग की है कि जाधव को भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधियों से मिलने दिया जाए। भारत ने 16वीं बार इस तरह का आग्रह किया है। पिछले दिनों पाकिस्तान की सेना की तरफ से इस तरह की अनुमति देने से साफ मना कर दिया गया था। पाक सरकार का रवैया भी कोई उत्साहजनक नहीं है।
मंगलवार को विदेश सचिव एस. जयशंकर ने इस पर पाकिस्तान के उच्चायुक्त से भी मुलाकात की थी।बहरहाल, इस बार भारत की तरफ से पाकिस्तान के विदेश सचिव को जाधव की मां की तरफ से एक अपील भी दी गई है। इसमें पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया गया है कि वह मामले में हस्तक्षेप करते हुए जाधव की रिहाई सुनिश्चित करवायें।
मां की अपील में यह कहा गया है कि जाधव पर लगाये गये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। जाधव की मां ने उनसे मिलने की गुहार भी पाक सरकार से लगाई है।सनद रहे कि जाधव को पिछले दिनों पाकिस्तान सेना की एक कोर्ट ने कई तरह के आरोप लगाते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। इस पर भारत की तरफ से बेहद सख्त प्रतिक्रिया जताई गई थी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसे पूर्व नियोजित हत्या करार दिया था।
पाकिस्तानी कानून के अनुसार, मौत की सजा के 40 दिनों के भीतर अपील फाइल की जाती है। पूर्व नेवी अधिकारी जाधव को बलूचिस्तान में वर्ष 2016 के मार्च में गिरफ्तार कर लिया गया था। पाकिस्तान ने उनपर जासूस होने का आरोप लगाया। 10 अप्रैल को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने उन्हें मृत्यु दंड की सजा दी। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि उन्हें जाधव के बारे में कोई सूचना नहीं दी गयी कि वे कहां हैं और किस स्थिति में हैं। बता दें कि भारत ने 46 वर्षीय जाधव के राजनयिक सम्पर्क के लिए 15 बार पाकिस्तान से अनुरोध किया जिसे हर बार पाकिस्तान की ओर से इंकार कर दिया गया।
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