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कुलभूषण मामला: ICJ के दखल से परेशान पाक, नकार सकता है फैसला

अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले की सुनवाई 15 मई से शुरु होगी जिसके फैसले को पाकिस्तान यह कहकर नकार सकता है।

By Monika minalEdited By: Published: Sat, 13 May 2017 03:01 PM (IST)Updated: Sat, 13 May 2017 04:01 PM (IST)
कुलभूषण मामला: ICJ के दखल से परेशान पाक, नकार सकता है फैसला
कुलभूषण मामला: ICJ के दखल से परेशान पाक, नकार सकता है फैसला

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। भारतीय मूल के कुलभूषण जाधव मामले में अंतराष्‍ट्रीय कोर्ट के दखल देने से परेशान पाकिस्‍तान ने 15 मई से शुरू हो रहे मामले की सुनवाई के लिए पूरी तैयारी कर ली है। पाकिस्‍तान की ओर से राष्‍ट्रमंडल देशों के मामलों को अंतर्राष्‍ट्रीय कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर बताते हुए जाधव का मामला अपनी ओर लिया जा सकता है। उल्‍लेखनीय है कि जाधव को पाक सैन्‍य कोर्ट ने फांसी की सजा सुनायी है।

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आइसीजे की शरण में भारत

बता दें कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गई मौत की सजा पर रोक लगाने के लिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई 15 मई को होगी और इसका सीधा प्रसारण अदालत की साइट पर किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के भारत स्थित सूचना केन्द्र द्वारा जारी आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।

 कॉमनवेल्‍थ देशों के मामले आइसीजे से बाहर 

अंतर्राष्‍ट्रीय कानून के विशेषज्ञ ने डॉन को बताया कि 1999 में पाकिस्‍तानी नौसेना का विमान भारत द्वारा गिराए जाने के मुद्दे को उठाते हुए फैसले पर सवाल उठा सकता है। पाकिस्‍तान इस मामले को अंतर्राष्‍ट्रीय कोर्ट में ले गया था। भारत ने कहा था कि अंतर्राष्‍ट्रीय कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में कॉमन वेल्‍थ देशों के बीच का विवाद का मामला नहीं आता। भारत ने 1974 में ऐसे विवादों में छूट की अपील की थी। एक साल बाद 16 सदस्‍यीय आइसीजे बेंच ने इस बात पर सहमति जतायी कि ये मामले उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। हालांकि पाकिस्‍तानी ज्‍यूरिस्‍ट अली नवाज चौहान ने डॉन को बताया कि यदि जाधव का मामला मानवाधिकार के तहत उठाया जाता है तब अंतराष्‍ट्रीय कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आएगा। 2005 से 2009 तक चौहान आइसीजे में बतौर जज रह चुके हैं।

पाक ने किया वियना संधि का उल्‍लंघन 

भारत ने ICJ में पाकिस्तान पर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है। भारत ने अंतर्राष्‍ट्रीय कोर्ट को मानवाधिकार मामला बताते हुए कहा कि पाकिस्‍तान ने 1963 के वियना कंवेशन का उल्‍लंघन किया। भारत के बार-बार अनुरोध के बाद भी पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को जाधव से मिलने की इजाजत नहीं दी। भारत ने ICJ में कहा कि कुलभूषण जाधव को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया।

आइसीजे के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला: पाक

इस सबसे अलग सूत्रों ने दुनिया न्‍यूज को बताया कि पाकिस्‍तान अंतर्राष्‍ट्रीय कोर्ट को कहेगा कि इन मामलों पर पाकिस्‍तान की राष्‍ट्रीय स्‍थिरता संबंधित मामलों पर इसका कोई अधिकार नहीं। इस हफ्ते की शुरुआत में भारत ने अंतर्राष्‍ट्रीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। भारत ने अदालत से बताया कि इरान से जाधव का अपहरण कर लिया गया जहां वे नौसेना से रिटायर होने के बाद बिजनेस कर रहे थे। तब कोर्ट ने जाधव की फांसी पर रोक लगायी थी।

पूरा मामला है ये

पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी का दोषी बताते हुए फांसी की सजा सुनाई है। पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में उन्हें एक साल से भी अधिक समय से हिरासत में रखा। कुलभूषण जाधव को पिछले साल 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान ने जाधव को भारतीय जासूस बताकर गिरफ्तार किया था।

यह भी पढ़ें: 'पाक जांच रहा जाधव की फांसी का मामला ICJ के अधिकार क्षेत्र में आता है या नहीं?'


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