पाकिस्तान में सबसे बड़ा सवाल, कयानी के बाद कौन?
पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में ताकतवर सैन्य प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी के उत्तराधिकारी के नाम पर चर्चा तेज हो गई है। कयानी आगामी 2
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में ताकतवर सैन्य प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी के उत्तराधिकारी के नाम पर चर्चा तेज हो गई है। कयानी आगामी 28 नवंबर में सेवानिवृत हो रहे हैं और सरकार उनका कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही उनके उत्तराधिकारी को नामित करने की तैयारी में है। नवाज शरीफ सरकार सेना के इस शीर्ष पद पर ऐसे समय में सहज तरीके से परिवर्तन सुनिश्चित करना चाहती है, जबकि देश सुरक्षा सहित कई मामलों में चुनौतियों का सामना कर रहा है।
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पिछली सरकार को सेना के इस प्रतिष्ठित पद के लिए उपयुक्त व्यक्ति के नाम पर मुहर लगाने में खासी दिक्कत पेश आई थी। इसे देखते हुए अगले सैन्य प्रमुख की नियुक्ति पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। गौरतलब है कि पूर्व में दो बार नवाज शरीफ की सरकार को सत्ता से बेदखल करने में देश की ताकतवर सेना का हाथ रहा है। इतना ही नहीं ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी (सीजेसीएससी) के चेयरमैन का पद भी अगले महीने खाली हो रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सीजेसीएससी चेयरमैन के चुनाव का असर सैन्य प्रमुख की नियुक्ति पर पड़ सकता है।
हालांकि कयानी के उत्तराधिकारी के लिए कई नामों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन सेना में रसद विभाग के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हारून असलम के नाम को लेकर आम सहमति बन सकती है। लेफ्टिनेंट जनरल असलम इलीट फोर्स डिवीजन (विशेष सेवा समूह) में सैन्य संचालन के निदेशक पद पर सेवाएं दे चुके हैं। वहीं वह बहावलपुर के कोर कमांडर भी रह चुके हैं। असलम के बाद श्रेष्ठता के आधार पर लेफ्टिनेंट जनरल रशीद महमूद, चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल रहील शरीफ के नाम भी चर्चा में है। 61 वर्षीय कयानी को वर्ष 2007 में पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने सेना प्रमुख नियुक्त किया था। इसके बाद वर्ष 2010 में यूसुफ रजा गिलानी की सरकार ने उन्हें तीन वर्ष का सेवा विस्तार दे दिया था।
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