Move to Jagran APP

अफगानिस्तान में भारत के खिलाफ तालिबान का इस्तेमाल करता है पाक

अफगानिस्तान में भारत के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए पाकिस्तान तालिबान का इस्तेमाल करता है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के अध्यक्ष जॉन ब्रेनन के हैक किए गए निजी ई-मेल से इसका खुलासा हुआ है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2015 07:09 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2015 09:31 AM (IST)
अफगानिस्तान में भारत के खिलाफ तालिबान का इस्तेमाल करता है पाक

वाशिंगटन। अफगानिस्तान में भारत के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए पाकिस्तान तालिबान का इस्तेमाल करता है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के अध्यक्ष जॉन ब्रेनन के हैक किए गए निजी ई-मेल से इसका खुलासा हुआ है। विकिलीक्स द्वारा जारी इस दस्तावेज को गोपनीय की श्रेणी में रखा गया था। भारत पहले से ही पाकिस्तान और तालिबान के बीच गठजोड़ की बात कहता रहा है।

loksabha election banner

नवंबर, 2008 में बराक ओबामा के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के महज तीन दिन बाद ही ब्रेनन ने उन्हें इसकी जानकारी दी थी। व्हिसल ब्लोअर वेबसाइट की ओर से जारी ताजा दस्तावेज में अफगानिस्तान और पाकिस्तान से जुड़ी खुफिया जानकारियां हैं। इसमें ईरान के प्रति अमेरिकी नीति से जुड़ी रिपोर्ट भी है।

पोजीशन-कम-स्ट्रेटजी पेपर में ब्रेनन ने सात नवंबर, 2008 को लिखा था, "अफगानिस्तान में भारत के बढ़ते प्रभाव को रोकने और काबुल के प्रति अमेरिका की दीर्घकालीन प्रतिबद्धता के चलते पाकिस्तान चिंतित था। इसे देखते हुए उसने नया तरीका अपनाया। अमेरिका के अफगानिस्तान से जाने के बाद भारत और ईरान के हितों को संतुलित करने के लिए पाकिस्तान तालिबान के इस्तेमाल को सुनिश्चित करना चाहता था।"

ब्रेनन उस वक्त ओबामा के विदेश नीति और आतंक रोधी मामलों के सलाहकार थे। वह सीआईए निदेशक की दौड़ में भी थे, लेकिन उस वक्त लियोन पेनेटा को खुफिया एजेंसी का प्रमुख बनाया गया था। विकिलीक्स ने बुधवार से ब्रेनन द्वारा वर्ष 2007-09 के बीच भेजे गए ई-मेल को जारी करने शुरू किए हैं।

ब्रेनन ने 13 पृष्ठों में पाकिस्तान के प्रति अपने रुख से ओबामा को अवगत कराया था। साथ ही अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भावी नीतियों को लेकर सुझाव भी दिया था। ब्रेनन के मुताबिक फाटा (फेडरली एडमिनिस्टर्ड ट्राइबल एरियाज) में तालिबान को पाकिस्तान से मिलने वाले सहयोग के चलते ही आतंक रोधी प्रयासों को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। उन्होंने तालिबान को इस्लामाबाद से प्रत्यक्ष मदद मिलने की भी आशंका जताई थी।

बकौल ब्रेनन तालिबान को पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई से मदद मिलती थी। उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में आतंकियों के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलताएं मिली थीं, लेकिन पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में पनाह मिलने के कारण आतंकी फिर से संगठित हो जाते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.