Move to Jagran APP

नेपाल की जमीन पर नहीं होंगे देंगे चीन विरोधी गतिविधियां: पीएम शेर बहादुर

नेपाल-चीन परामर्श प्रणाली की 11वीं बैठक में दोनों पक्षों ने उच्च स्तीय आवाजाही, व्यापार, पूंजी निवेश, पारस्परिक संपर्क समेत विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग पर विचार किया।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 11:47 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 11:47 AM (IST)
नेपाल की जमीन पर नहीं होंगे देंगे चीन विरोधी गतिविधियां: पीएम शेर बहादुर
नेपाल की जमीन पर नहीं होंगे देंगे चीन विरोधी गतिविधियां: पीएम शेर बहादुर

काठमाडू, आएएएनएस। चीन और नेपाल के बीच नजदीकियां बढ़ती जा रही हैं। नेपाल चीन की महत्‍वाकांक्षी योजना 'वन बेल्‍ट वन रोड' का समर्थन करने के लिए भी तैयार हो गया है। बुधवार को चीन के सहायक विदेश मंत्री कोंग शियानयू के साथ मुलाकात करते हुए नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार ने चीन से संबंधों के विकास के लिए बहुत महत्व दिया है और वह 'वन-चाइना पॉलिसी' का पालन कर रहे हैं। इस दौरान नेपाल और चीन ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू और स्वस्थ विकास की सराहना की है। 

loksabha election banner

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शेर बहादुर ने कहा, 'नेपाल कभी किसी फोर्स को अपनी जमीन का चीन विरोधी गतिविधियों के लिए इस्‍तेमाल नहीं करने देगा।' उधर, चीन के सहायक विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल राजनीतिक और आर्थिक बदलाव के नाज़ुक दौर से गुजर रहा है। चीन आंतरिक मामले में गैर हस्तक्षेप के सिद्धांत पर कायम रहकर नेपाल के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए हरसंभव मदद देने को तैयार है। 

उन्‍होंने कहा कि चीन, नेपाल को वन बेल्‍ट वन रोड निर्माण में अहम साझेदार के रूप में देखता है। हम नेपाल के साथ कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना चाहता है, ताकि दोनों देशों की जनता को अधिक और ठोस लाभ मिलें। साथ ही दोनों देशों के विकास को अधिक मौके मिलें। शेर बहादुर को भी लगता है कि वन बेल्‍ट वन रोड से नेता को काफी फायदा होगा। देश के आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी। 

नेपाल-चीन परामर्श प्रणाली की 11वीं बैठक में दोनों पक्षों ने उच्च स्तीय आवाजाही, व्यापार, पूंजी निवेश, पारस्परिक संपर्क समेत विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग पर विचार किया। साथ ही उम्‍मीद जताई कि दोनों देशों के संबंध आने वाले समय में और मजबूत होंगे।

इसे भी पढ़ें: 'सिल्क रूट' का नेपाल भी बना हिस्सा, भारत की चिंता बढ़ी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.