नेपाल की जमीन पर नहीं होंगे देंगे चीन विरोधी गतिविधियां: पीएम शेर बहादुर
नेपाल-चीन परामर्श प्रणाली की 11वीं बैठक में दोनों पक्षों ने उच्च स्तीय आवाजाही, व्यापार, पूंजी निवेश, पारस्परिक संपर्क समेत विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग पर विचार किया।
काठमाडू, आएएएनएस। चीन और नेपाल के बीच नजदीकियां बढ़ती जा रही हैं। नेपाल चीन की महत्वाकांक्षी योजना 'वन बेल्ट वन रोड' का समर्थन करने के लिए भी तैयार हो गया है। बुधवार को चीन के सहायक विदेश मंत्री कोंग शियानयू के साथ मुलाकात करते हुए नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार ने चीन से संबंधों के विकास के लिए बहुत महत्व दिया है और वह 'वन-चाइना पॉलिसी' का पालन कर रहे हैं। इस दौरान नेपाल और चीन ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू और स्वस्थ विकास की सराहना की है।
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शेर बहादुर ने कहा, 'नेपाल कभी किसी फोर्स को अपनी जमीन का चीन विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं करने देगा।' उधर, चीन के सहायक विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल राजनीतिक और आर्थिक बदलाव के नाज़ुक दौर से गुजर रहा है। चीन आंतरिक मामले में गैर हस्तक्षेप के सिद्धांत पर कायम रहकर नेपाल के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए हरसंभव मदद देने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि चीन, नेपाल को वन बेल्ट वन रोड निर्माण में अहम साझेदार के रूप में देखता है। हम नेपाल के साथ कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना चाहता है, ताकि दोनों देशों की जनता को अधिक और ठोस लाभ मिलें। साथ ही दोनों देशों के विकास को अधिक मौके मिलें। शेर बहादुर को भी लगता है कि वन बेल्ट वन रोड से नेता को काफी फायदा होगा। देश के आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी।
नेपाल-चीन परामर्श प्रणाली की 11वीं बैठक में दोनों पक्षों ने उच्च स्तीय आवाजाही, व्यापार, पूंजी निवेश, पारस्परिक संपर्क समेत विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग पर विचार किया। साथ ही उम्मीद जताई कि दोनों देशों के संबंध आने वाले समय में और मजबूत होंगे।
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