मंगलयानों की लैंडिंग के लिए नासा का उड़नतश्तरी परीक्षण
वाशिंगटन। नासा ने उड़न तश्तरी जैसे एक परीक्षण वाहन के प्रक्षेपण में सफलता हासिल की है। इसके जरिए उस प्रौद्योगिकी का पता लगाया जा सकेगा, जिसकी सहायता से भविष्य में मंगल पर जाना संभव होगा। खराब मौसम के कारण इसके प्रक्षेपण को कई बार टालना पड़ा था। अंतरिक्ष एजेंसी ने शनिवार को अपना 'लो डेंसिटी सुपरसोनिक डेसिलिर
वाशिंगटन। नासा ने उड़न तश्तरी जैसे एक परीक्षण वाहन के प्रक्षेपण में सफलता हासिल की है। इसके जरिए उस प्रौद्योगिकी का पता लगाया जा सकेगा, जिसकी सहायता से भविष्य में मंगल पर जाना संभव होगा। खराब मौसम के कारण इसके प्रक्षेपण को कई बार टालना पड़ा था।
अंतरिक्ष एजेंसी ने शनिवार को अपना 'लो डेंसिटी सुपरसोनिक डेसिलिरेटर' वाहन प्रक्षेपित किया। इसका प्रक्षेपण हवाई में क्वाई द्वीप स्थित अमेरिकी नौसेना के प्रशांत महासागर मिसाइल परीक्षण केंद्र से किया गया। यान की गति को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किए गए पैराशूट ने परीक्षण के दौरान सही काम किया, लेकिन इसे महासागर में उतारने के लिए लगाया गया पैराशूट सही समय पर अच्छी तरह खुल नहीं पाया, जिससे परीक्षण सफल नहीं हो सका। हालांकि नासा के इंजीनियर इसे बड़ी असफलता नहीं मानते हैं।
नासा के प्रवक्ता के मुताबिक, हमारे लिहाज से परीक्षण सफल रहा है। भविष्य में इस खामी से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। यान की गति को नियंत्रित करने के लिए एक विशाल गुब्बारेनुमा पैराशूट का इस्तेमाल किया गया था। इसने निर्धारित ऊंचाई हासिल कर ली थी, लेकिन इसकी लैंडिग सटीक नहीं रही।
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