World Mosquito Day: मच्छरों से सावधानी जरूरी वरना डेंगू जैसी घातक बीमारियों की संभावना पूरी
World Mosquito Day मच्छरों के चलते कई बीमारियों का प्रकोप अब शुरू भी होने लगा है क्योंकि घनी बस्तियों में जगह-जगह वर्षा जल टूटे-फूटे रास्तों गड्ढों और खाली भूखंड पर भरा हुआ है और उसमें लार्वा पनप रहे हैं। सबसे अधिक खतरा डेंगू फैलने का है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। फाइलेरिया (हाथी पांव), डेंगू, मलेरिया और मच्छर जनित कुछ अन्य बीमारियां। जान के दुश्मन मच्छरों से बचाव में उदासीनता कभी-कभी महंगी पड़ती है। मच्छरों के चलते इन बीमारियों का प्रकोप अब शुरू भी होने लगा है क्योंकि घनी बस्तियों में जगह-जगह वर्षा जल टूटे-फूटे रास्तों, गड्ढों और खाली भूखंड पर भरा हुआ है और उसमें लार्वा पनप रहे हैं। सबसे अधिक खतरा डेंगू फैलने का है। मलेरिया विभाग की ओर से संवेदनशील इलाके भी चिह्रित किए जा चुके हैं। थोड़े प्रयास से इन बीमारियों से बचा भी जा सकता है।
डेंगू के 60 संभावित हाट स्पाट
डेंगू, एडीज मच्छरों के काटने से होता है जो साफ पानी में पनपते हैं और दिन में काटते हैं। स्वास्थ्य विभाग और मलेरिया विभाग इसके संभावित मरीजों का एलाइजा टेस्ट कराता है ताकि यह पता चल सके कि डेंगू है या नहीं। मानसून की शुरुआत होते ही जिले में 60 ऐसे क्षेत्र चिह्नित किए गए थे जहां डेंगू तेजी से फैल सकता है। जबकि लोगों को मच्छरों से सचेत करने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके बावजूद शिवकुटी, बघाड़ा से लेकर राजापुर के गंगानगर कछार तक घनी बस्तियों में जगह-जगह वर्षा जल भरा है। अब तो इन क्षेत्रों में गंगा नदी की बाढ़ का पानी भी आ गया है जिससे खतरा और बढ़ गया है।
इन क्षेत्रों में डेंगू, मलेरिया की अधिक संभावना
छोटा बघाड़ा, शिवकुटी, सलोरी में अमिताभ बच्चन पुल का नाला, राजापुर में उचवा गढ़ी का निचला क्षेत्र, सुलेमसरांय में शेरवानी फैक्ट्री के पीछे वाला नाला, रामबाग स्टेशन के पास मलिन बस्ती, लूकरगंज, बेनीगंज, कालिंदीपुरम, न्यू बैरहना, कीडगंज, पूरा दलेल मलिन बस्ती, पूरा पड़ाइन में डेंगू और मलेरिया फैलने का ज्यादा खतरा है।
आसपास रखें सफाई तो होगा बचाव
जिला मलेरिया अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू से बचाव की कोई वैक्सीन नहीं है बल्कि बचाव ही सुरक्षा है। कहा कि मच्छरों से कई बीमारियां फैलती हैं इसके लिए जरूरी है कि अपने घर या कहीं आसपास पानी कई दिनों तक भरा न रहने दें। कूलर की टंकियों को समय-समय पर साफ करते रहें, गमलों को भी साफ रखें।