EU से हटने का दिया था वोट, अब पछता रहे ये ब्रिटेनवासी
‘मैंने ऐसा नहीं सोचा था कि मेरा वोट गिना जाएगा’ ऐसा कह रही है ब्रिटेन की वह पब्लिक जो अब यूरोपियन संघ के साथ रहना चाहती है लेकिन वोट इसके खिलाफ डाल दिया था।
लंदन। ‘अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गयी खेत’ यह प्रसिद्ध कहावत उन्हीं कुछ ब्रेक्सिट समर्थकों को जंच रही है जिन्होंने इयू छोड़ने के पक्ष में वोट तो कर दिया था पर अब अपने उस निर्णय पर पछता रहे हैं। वोटिंग से यह फैसला सामने आया कि 52 फीसद ब्रिटेन की जनता चाहती थी कि ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से अलग हो जाना चाहिए।
डेली मेल के अनुसार, कई ऐसे मतदाताओं ने खुलासा किया रिफरेंडम के परिणामों से वे खुश नहीं हैं क्योंकि डेविड कैमरुन के जाने की खबर से मार्केट पर खासा असर पड़ा।
मैंचेस्टर एयरपोर्ट पर मैंडी नामक महिला ने कहा, वह रिफरेंडम के इस परिणाम से निराश है, यदि उसे दोबारा मौका मिले तो यूरोपियन संघ के साथ रहने के लिए मतदान करेगी।
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उसने आइटीवी से कहा, ‘छोड़ने के लिए वोट कर भी मैं काफी दुखी हूं। काश, मुझे इसे बदलने का मौका मिलता। दूसरे एक वोटर ने भी कुछ ऐसा ही किया और अब पछता रहे हैं। वे कहते हैं कि उन्हें सदमा लगा और उन्होंने वोट यह सोचकर डाला था कि उनका वोट महत्व नहीं रखता।
रेफरेंडम और यूरोपियन यूनियन के मायने
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन की जनता ने रेफरेंडम के द्वारा अपना फैसला लिया है कि ब्रिटेन को अब यूरोपियन संघ से अलग होना है। रेफरेंडम वोट करने का एक तरीका है जिसके जरिए किसी मामले के बारे में निर्णय लिया जाता है।
यूरोपियन यूनियन 28 यूरोपियन देशों का समूह होता है इन देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिक साझेदारी है। इसकी शुरूआत द्वितीय विश्व युद्ध के बाद आर्थिक सहयोग के उद्देश्य से की गई थी। इस समूह के बनने के बाद इसके सदस्य-देशों की जनता और सामान की आवाजाही बिना किसी रोकटोक के होती है।