परमाणु करार: पाबंदी हटी ईरान से, फायदे में भारत
ईरान पर लगाए गए सभी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। परमाणु कार्यक्रमों की निगरानी रखने वाली एजेंसी आईएईए ने वियना में एक बैठक में इस बात की पुष्टि की कि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रमों को धीमा करने का वादा पूरा किया है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। ईरान पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को औपचारिक रूप से हटा लिया गया। अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा ईरान से प्रतिबंध हटाने का सीधा लाभ भारत को होने वाला है। इससे भारत और ईरान के द्विपक्षीय रिश्तों में नए युग की शुरुआत होने के आसार हैं। पिछले छह महीनों के दौरान जिस स्तर पर कूटनीतिक प्रयास चल रहे हैं, उससे ऊर्जा क्षेत्र में नए सहयोग की जमीन तैयार होती दिख रही है। अब भारतीय आइटी, दवा और रसायन कंपनियों को ईरान के रूप में एक नया बाजार मिलेगा। प्रतिबंध हटने के बाद ईरान खुलकर कचा तेल बेच सकेगा। पहले से ही कचे तेल के सुस्त बाजार में और मंदी आ सकती है। वैसे भी ईरान भारत को बाजार के मुकाबले आसान शर्तो पर तेल की आपूर्ति करता है। चार वर्ष पहले तक भारत ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार था। लेकिन प्रतिबंध की वजह से इन दिनों भारत काफी कम तेल खरीद रहा था।
तेज होगी निवेश की कोशिश
एमआरपीएल और एस्सार ऑयल जैसी देश की बड़ी तेल शोधक कंपनियों ने ईरान से तेल खरीदने की रुचि दिखाई है। प्रतिबंध से पहले ओएनजीसी, गेल, ऑयल इंडिया और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां वहां निवेश के लिए बातचीत कर रही थी। अब बातचीत नए सिरे से शुरु होगी। भारतीय कंपनियों के पास इस बार बेहतर संभावनाएं हैं, क्योंकि मुकाबले में चीन की कंपनियां कम होंगी।
पाइपलाइन का काम तेज होगा
पेट्रोलियम मंत्रलय के सूत्रों ने बताया कि भारत और ईरान के बीच निकट भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र में कई समझौते होने के आसार हैं। इसमें पाइपलाइन के जरिये भारत तक गैस लाने की योजना भी शामिल है। दोनों देशों के बीच समुद्री रास्ते से पाइपलाइन बिछा कर उससे प्राकृतिक गैस भारत तक लाने का प्रयास तेज किया जाएगा।
लगातार संपर्क में दोनों देश
प्रतिबंध हटने की संभावना को देखते हुए भारत ने ईरान के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा। उफा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति हसन रोहानी से मुलाकात की थी। पिछले साल नवंबर और दिसंबर में दोनों देशों के बीच कारोबार, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे पर तीन उचस्तरीय बैठकें हो चुकी हैं। दिसंबर के अंत में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और ईरान के वित्त व आर्थिक मामलों के मंत्री अली तायेबानिया की अध्यक्षता में संयुक्त आयोग की बैठक भी हो चुकी है।
..और मिसाइल कार्यक्रम में मदद पर पाबंदी
ईरान पर लगे तेल और वित्तीय प्रतिबंध हटाने के कुछ देर बाद ही अमेरिका ने उसे बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम बेचने के सिलसिले में नए सिरे से पाबंदी का एलान कर दिया। अमेरिकी वित्त विभाग ने संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी मबरूका ट्रेडिंग और इसके मालिक हुसैन पॉरनाग्शबैंड को अपने देश में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया है। वित्त विभाग के कार्यकारी अवर सचिव एडम जुबिन ने कहा कि ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
भारत पर यूं होगा सकारात्मक असर
- बीबीसी के मुताबिक, ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले भारत बड़ी मात्रा में ईरान से तेल आयात करता था जिसमें धीरे-धीरे काफी हद तक कमी आ गई थी। प्रतिबंध हटने के बाद अब फिर से भारत ईरान से बड़ी मात्रा में तेल आयात कर सकेगा।
- भारत की मैंगलोर रिफाइनरी ईरान से आने वाले तेल के परिशोधन करने के लिए खासतौर पर डिजाइन की गई थी। सबसे पहले मैंगलौर रिफाइनरी को तेल मिलने लगेगा।
- भारत अब ईरान से अधिक तेल और गैस आयात करना चाहेगा। ईरान में एक रुके हुए बड़े गैस प्लांट को लेने की भी पेशकश भारत ने की है। इस प्लांट पर पहले एक जर्मन कंपनी काम कर रही थी।
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