यूरोप पर परमाणु हमले का खतरा, जानें- किसके निशाने पर हैं पश्चिमी देश
आइएस के आतंकी यूरोप को दहलाने की साजिश रच रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी परमाणु बमों से हमला कर सकते हैं।
लंदन। कुख्यात आतंकी संगठन आइएस के मंसूबे और खतरनाक हो चुके हैं। सीरिया के कई हिस्सों में केमिकल हथियारों के इस्तेमाल के बाद अब वो पूरे यूरोप को दहलाने की साजिश में जुटा है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि आइएस यूरोप के देशों पर परमाणु हमला कर सकता है। यूरोप और रूस के कई परमाणु ठिकानों की सुरक्षा व्यवस्था कमजोर है। आइएस आतंकी इसका फायदा उठाकर यूरोप के ऊपर डर्टी बमों से हमला कर सकते हैं।
इंटरनेशनल लक्जेमबर्ग फोरम के अध्यक्ष मोशे कंटोर का मानना है कि यूरोप के सभी मुल्कों को आपसी मतभेद भूलकर आइएस के खिलाफ साझी लड़ाई के लिए एक हो जाना चाहिए। कंटोर का कहना है कि फ्रांस में होने वाले यूरो कप 2016 के ऊपर गंभीर संकट मंडरा रहा है। इसके संबंध में दो महीने पहले बेल्जियम हमले से देखे जा सकते हैं। बेल्जियम के न्यूक्लियर फैसिलिटी सेंटर की जिस तरह से जासूसी की गयी। वो आने वाले संकट के संदेश हैं। उन्होंने कहा कि आतंकियों से सिर्फ परमाणु हमले का खतरा नहीं है। बल्कि वे परमाणु बिजली केंद्रों से यूरेनियम की तस्करी कर सकते हैं।
इंटरनेशनल लक्जेमबर्ग के ब्रिटिश सदस्य ब्राउन ने कहा कि परमाणु आतंकवाद का मुद्दा बहुत ही जटिल है। इसके खिलाफ अभियान चलाने के लिए य़ूरोप ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे मुल्कों को भी एक साथ आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट है कि इराक में मोसूल पर कब्जे के समय आइएस आतंकी परमाणु सामग्रियों को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डर्टी बम बनाना कठिन नहीं है। अगर उन डर्टी बमों से बड़े पैमाने पर लोगों की मौत नहीं होने के हालात में पर्यावरण को बड़े पैमाने पर नुकसान होगा। इसका खामियाजा पूरे मानव समाज को उठाना होगा।