अल नीनो हजारों मील दूर तक फैला सकता है हैजा
मौसमी प्रक्रिया अल नीनो का बड़ा खतरा सामने आया है। एक नए अध्ययन के मुताबिक, अल नीनो समंदर पार हजारों मील दूर तक हैजा जैसी जलजनित बीमारियां फैलने का कारण बन सकता है।
लंदन। मौसमी प्रक्रिया अल नीनो का बड़ा खतरा सामने आया है। एक नए अध्ययन के मुताबिक, अल नीनो समंदर पार हजारों मील दूर तक हैजा जैसी जलजनित बीमारियां फैलने का कारण बन सकता है।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के शोधकर्ताओं ने रिपोर्ट में इस खतरे का उल्लेख किया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि लैटिन अमेरिकी देशों में जलजनित बीमारियां अल नीनो के संपर्क से फैल रही हैं। दुनिया के कुछ हिस्सों में गर्म हवाओं के उठने और सतह के पानी के अप्रत्याशित रूप से गर्म होने की प्रक्रिया को अल नीनो कहा जाता है। अल नीनो की यह प्रक्रिया हर तीन से सात साल में होती है। हाल के वर्षो में जलवायु परिवर्तन के कारण अल नीनो का प्रभाव नियमित रूप से देखने को मिला है।
पिछले 30 वर्षो में 1990-91, 1997-98 और 2010 में अल नीनो असरदार तरीके से देखा गया है। इस अवधि में 1990 में पेरू में हैजा का भयंकर प्रकोप देखा गया था। वहां इस दौरान हैजा से 13,000 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 1997, 2010 में भी संक्रमित जलीय जीवों को खाने से नए तरह का संक्रमण सामने आया था। जीनोमिक अध्ययन के आधार पर शोधकर्ताओं ने पाया है कि एशिया में पाए जाने वाले बैक्टीरिया और लैटिन अमेरिकी देशों में हाल में मिले कुछ बैक्टीरिया एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।