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उत्तर अफ्रीका के ऊपर धूलकण भारत में बढ़ाता है मानसून

उत्तर अफ्रीका और पश्चिम एशिया के ऊपर के मरुस्थलीय धूलकण भारत में मानसून की बारिश में वृद्धि करते हैं। एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है। गौरतलब है कि भारत मानसून की बारिश पर बहुत ज्यादा निर्भर है।

By Edited By: Published: Tue, 18 Mar 2014 08:14 PM (IST)Updated: Tue, 18 Mar 2014 08:15 PM (IST)
उत्तर अफ्रीका के ऊपर धूलकण भारत में बढ़ाता है मानसून

वाशिंगटन। उत्तर अफ्रीका और पश्चिम एशिया के ऊपर के मरुस्थलीय धूलकण भारत में मानसून की बारिश में वृद्धि करते हैं। एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है। गौरतलब है कि भारत मानसून की बारिश पर बहुत ज्यादा निर्भर है।

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अध्ययन के मुताबिक हवा में मौजूद धूलकण भारत के पश्चिम में सूर्य के प्रकाश को सोख लेते हैं। इससे हवा गर्म हो जाती है और पूर्व की ओर नमी को ढोकर ले जाने वाली हवाएं मजबूत हो जाती हैं। इससे एक सप्ताह बाद भारत में मानसून की बारिश में वृद्धि होती है। अध्ययन के परिणामों से धूलकण द्वारा जलवायु को प्रभावित करने के एक तरीके के बारे में पता चलता है। पहले इस प्रकार से पृथ्वी के तंत्र के बारे में नहीं पता था। अध्ययन में यह भी पता चला है कि प्राकृतिक रूप से हवा में मौजूद कण अप्रत्याशित रूप से बारिश पर प्रभाव डाल सकते हैं। इससे हजारों मील की दूरी पर भी मौसम पर प्रभाव पड़ सकता है। पैसिफिक नॉर्थ वेस्ट नेशनल लैबोरेटरी के फिल और आइआटी भुवनेश्वर के वी विनोज और कुछ अन्य लोग इस अध्ययन में शामिल थे।


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