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पहली बार हुआ एचआइवी बच्ची का सफल इलाज

शिकागो। तमाम तकनीकी और वैज्ञानिक विकास के बावजूद चिकित्सा जगत एचआइवी एड्स का कारगर इलाज नहीं तलाश सका है। सुरक्षा और सावधानी को ही इस जानलेवा बीमारी का एकमात्र इलाज माना जाता है। मगर पहली बार अमेरिका के मिसीसिपी राज्य में एचआइवी वायरस के साथ पैदा हुई बच्ची के सफल इलाज का चिकित्सकों ने दावा किया है।

By Edited By: Published: Mon, 04 Mar 2013 12:28 PM (IST)Updated: Mon, 04 Mar 2013 08:14 PM (IST)
पहली बार हुआ एचआइवी बच्ची का सफल इलाज

शिकागो। तमाम तकनीकी और वैज्ञानिक विकास के बावजूद चिकित्सा जगत एचआइवी एड्स का कारगर इलाज नहीं तलाश सका है। सुरक्षा और सावधानी को ही इस जानलेवा बीमारी का एकमात्र इलाज माना जाता है। मगर पहली बार अमेरिका के मिसीसिपी राज्य में एचआइवी वायरस के साथ पैदा हुई बच्ची के सफल इलाज का चिकित्सकों ने दावा किया है।

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उनका कहना है कि बच्ची को एक साल से कोई दवा नहीं दी गई फिर भी उसे कोई संक्रमण नहीं हुआ है। उनका मानना है कि जन्म के 30 घंटे के भीतर ही उसका इलाज शुरू कर देने से बीमारी पर काबू पाने में सफलता मिली। इलाज करने वाले चिकित्सकों के मुताबिक आज वह दो साल की है और स्वस्थ है। बच्ची की पहचान गुप्त रखी गई है।

चिकित्सकों ने कहा कि इलाज तभी संभव है, जब शरीर में विषाणु की मात्रा बेहद कम हो। इस निष्कर्ष की घोषणा रविवार को अटलांटा में 'रेट्रोवायरस एंड ऑपरच्युनिस्टिक इंफेक्शन' विषय पर आयोजित सम्मेलन के दौरान की गई।

प्रमुख शोधकर्ता और बाल्टीमोर के जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी कीडॉक्टर डेबोराह पेरसॉद ने कहा कि इससे इस अवधारणा को बल मिलता है कि नवजात बच्चों में एचआइवी संक्रमण का इलाज संभव है। शोधकर्ताओं के मुताबिक बच्ची का स्वास्थ्य आने वाले वर्षो में भी अच्छा रहा तो यह दुनिया का दूसरा मामला होगा जिसमें एचआइवी पीड़ित का उपचार किया जा सका है। इससे पहले 2007 में टिमोथी रे ब्राउन का भी सफल इलाज किया गया था। ब्राउन को ल्यूकेमिया हो गया था, जिसके इलाज के लिए उनकी स्टेम सेल प्रत्यारोपित की गई। इसके लिए ऐसा दाता खोजा गया था जिसके जीन एचआइवी प्रतिरोधी थे। इनकी मदद से ब्राउन के पूरे शरीर के प्रतिरोधी तंत्र को बदला गया। इसके बाद वह पूरी तरह ठीक हो गए।

कैसे हुआ इलाज

मिसीसिपी के एक गांव में जन्मी इस बच्ची की मां एचआइवी संक्रमित थी। आमतौर पर बच्चे के जन्म से पहले ही संक्रमित मां का इलाज शुरू कर दिया जाता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ और डॉक्टर पूरी तरह से आश्वस्त थे कि होने वाला बच्चा भी एचआइवी संक्रमित होगा। शोधकर्ताओं ने बताया कि बच्ची के जन्म लेते ही उसे जैक्सन के यूनिवर्सिटी ऑफ मिसीसिपी मेडिकल सेंटर में भर्ती करा दिया गया। एचआइवी विशेषज्ञ डॉक्टर हानाह गे के नेतृत्व में बच्ची का इलाज उसे एचआइवी संक्रमण होने की पुष्टि संबंधी रिपोर्ट आने से पहले ही शुरू कर दिया था। गे ने कहा कि मुझे आशंका थी कि इस बच्ची की जान को खतरा है और इसे उच्च-स्तरीय इलाज की आवश्यकता है। उसे एचआइवी के खिलाफ लड़ने वाली तीन विशिष्ट दवाओं का मिश्रण दिया गया। इस मिश्रण से एचआइवी के वायरस को शरीर में घर करने से पहले ही हटा दिया गया। हालांकि यह उपचार वयस्कों या बड़े बच्चों में कारगर नहीं होगा।

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