चीन ने दलाई लामा को बताया हिंसक अलगाववादी
चीन ने मंगलवार को तिब्बत को स्वायत्तशासी क्षेत्र बनाने की 50वीं सालगिरह मनाई। इस अवसर पर उसने तिब्बतियों के निर्वासित आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के खिलाफ जमकर जहर उगला। चीन में धार्मिक समूहों और अल्पसंख्यक मामलों के प्रभारी यू झेंगशेंग ने कहा कि 1959 में चीन सरकार के खिलाफ असफल
बीजिंग। चीन ने मंगलवार को तिब्बत को स्वायत्तशासी क्षेत्र बनाने की 50वीं सालगिरह मनाई। इस अवसर पर उसने तिब्बतियों के निर्वासित आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के खिलाफ जमकर जहर उगला। चीन में धार्मिक समूहों और अल्पसंख्यक मामलों के प्रभारी यू झेंगशेंग ने कहा कि 1959 में चीन सरकार के खिलाफ असफल विद्रोह के बाद भागे दलाई लामा एक हिंसक अलगाववादी हैं।
सभी जातीय अल्पसंख्यक लोग अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। वे दलाई लामा के गुट और विदेशी ताकतों की विभाजनकारी और तोड़फोड़ की गतिविधियों को विफल करने में जुटे हैं। यू ने ल्हासा में पोटाला पैलेस के समक्ष तिब्बतियों को संबोधित किया। पोटाला पैलेस दलाई लामा का घर था।
यू कम्युनिस्ट पार्टी के चौथे नंबर के नेता भी हैं। न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि यू ने सोमवार को तिब्बत में सेना, पुलिस और न्यायिक अधिकारियों से दलाई लामा के गुट के खिलाफ लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा था।
अखबार ने क्रूर शासक बताया
चीन की सरकारी मीडिया ने दलाई लामा के विरोध के लिए सालगिरह का इस्तेमाल किया। ग्लोबल टाइम्स ने दलाई लामा को फरेबी और निर्वासित क्रूर शासक बताया। अखबार ने अपने संपादकीय में कहा कि दलाई लामा को संत कहा जाता है लेकिन जब तिब्बत में उनका शासन था, तब का रिकॉर्ड देखा जाए तो यह भ्रम टूटेगा।
दलाई लामा अपनी पिछली बातों का जिक्र करने की हिम्मत नहीं करते। पश्चिमी ताकतों की साजिश से निर्वासित क्रूर शासक को नोबेल पुरस्कार मिला।