भारत की पहली महिला मर्चेट नेवी कैप्टन को बहादुरी पुरस्कार
आइएमओ मुख्यालय में सोमवार शाम आयोजित पुरस्कार समारोह में कैप्टन मेनन को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।
लंदन, प्रेट्र : भारत की पहली महिला मर्चेंट नेवी कैप्टन राधिका मेनन को इंटरनेशनल मैरीटाइम आर्गेनाइजेशन (आइएमओ) ने असाधारण बहादुरी के लिए सम्मानित किया है। वह यह सम्मान पाने वाली पहली भारतीय महिला भी बन गई हैं। उन्होंने पिछले साल बंगाल की खाड़ी में डूबती नाव से सात मछुआरों की जान बचाने में साहस का परिचय दिया था।
आइएमओ मुख्यालय में सोमवार शाम आयोजित पुरस्कार समारोह में कैप्टन मेनन को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा, 'मैं यह बड़ा पुरस्कार पाकर सम्मानित और अभिभूत हूं। समुद्री सफर करने वालों का कर्तव्य है कि वह मुश्किल में फंसे लोगों की मदद करें और मैंने यही किया है।' भारत सरकार ने आइएमओ अवार्ड के लिए मेनन को नामांकित किया था। उन्होंने जून, 2015 में डूब रही 'दुर्गाम्मा' नाव पर सवार सभी मछुआरों को बचाने के अभियान को सफल बनाया था।
इन मछुआरों की जिस समय जान सांसत में फंसी थी, उस समय भारी बारिश हो रही थी और 'संपूर्ण स्वराज' नाम का जहाज ओडिशा के गोपालपुर तट से ढाई किमी दूर समुद्र में मौजूद था। मेनन जहाज की कैप्टन थीं और उन्होंने बचान अभियान चलाने का निर्देश दिया।