बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती ने भारत से लगाई सुरक्षा मुहैया कराने की गुहार
बलूचिस्तान के नेता ब्रह्मदाग बुगती ने भारत से मदद की गुहार लगाते हुए उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाने की अपील की है।
नई दिल्ली। बलूचिस्तान पर भारत की नीति का समर्थन करने और पीएम नरेंद्र मोदी को इसके लिए थैंक्स कहने वाले बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती ने भारत से मदद की अपील की है। उन्होंने अपनी अपील में भारत से एक ऑफिशियल आईडी इश्यू करने और उन्हें ट्रेवल डॉक्यूमेंट जारी करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि स्विटजरलैंड में अब उन्हें उनके परिवार को जान का खतरा है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि जिस तरह से भारत ने दलाई लामा को अपने यहां पर शरण दी है और बांग्लादेश में मुजीबुर्ररहमान की मदद की थी, ठीक वैसे ही भारत उनकी भी मदद को आगे आएगा।
एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाकर उनपर दबाव बनाना चाहता है। लिहाजा उन्होंने भारत से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उनकी और उनके साथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की गुहार लगाई है। इसके लिए उन्होंने भारत से एक ऑफिशियल आईडी और भारत में आने के लिए ट्रेवल डॉक्यूमेंट भी मांगे हैं। अखबार से हुई बातचीत के दौरान बुगती ने बताया कि इसी वर्ष उनकी पार्टी का नाम टैरर वाच लिस्ट में डालने के बाद उन्होंने स्विटजरलैंड की सरकार से आॅॅफिशियल आईडी प्रदान करने की अपील की थी। लेकिन पाकिस्तान के दबाव में आकर स्टिजरलैंड ने उनकी इस अपील को ठुकरा दिया।
उन्होंने स्विटजरलैंड की सरकार पर उन्हें सुरक्ष मुहैया न कराने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह यहां पर खुद को एक खुली जेल में मौजूद किसी कैदी के तौर पर महसूस कर रहे हैं। बुगती ने कहा कि वह बलूचिस्तान में पाकिस्तान सरकार द्वारा चलाए जा रहे दमन चक्र के खिलाफ इंटरनेशनल कैंपेन चला रहे हैं। इस बातचीत में उन्होंने एक बार फिर से बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन का मामला उठाते हुए अपनी और अपने परिवार की जान को खतरा बताया।
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गौरतलब है कि पाकिस्तान ने उनकी गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से मदद मांगी है। साथ ही पाकिस्तान के उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने को भी कहा है। बुगती फिलहाल स्विटजरलैंड में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। वह बिना सरकार की इजाजत के वहां से राजनीतिक गतिविधियां भी चला रहे हैं। बुगती के दादा अकबर बुगती की वर्ष 2006 में पाकिस्तान के तत्कालीन शासक जनरल परवेज मुशर्रफ के आदेश के बाद हत्या कर दी गई थी। लेकिन पाक सेना के इस ऑपरेशन के दौरान ब्रह्मदाग वहां से बच निकलने मेंं कामयाब रहे और अफगानिस्तान भाग गए। वहां से उन्होंने पासपोर्ट हासिल किया और फिर पहले जेनेवा फिरवर्ष 2010 में वह स्विटजरलैंड आ गए।
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