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ग्रीस के पास नाव पलटी, 4 नवजात सहित 34 की मौत

तुर्की के तट पर डूबे तीन वर्षीय बच्चे के हादसे को दुनिया अभी भुला भी नहीं पाई थी कि रविवार को चार नवजात सहित 34 प्रवासियों को समुद्र ने अपने आगोश में ले लिया। सीरिया और इराक में हिंसक गतिविधियों के कारण बेहतर जिंदगी की तलाश में तुर्की से नाव

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2015 12:34 AM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2015 02:02 AM (IST)
ग्रीस के पास नाव पलटी, 4 नवजात सहित 34 की मौत

एथेंस। तुर्की के तट पर डूबे तीन वर्षीय बच्चे के हादसे को दुनिया अभी भुला भी नहीं पाई थी कि रविवार को चार नवजात सहित 34 प्रवासियों को समुद्र ने अपने आगोश में ले लिया। सीरिया और इराक में हिंसक गतिविधियों के कारण बेहतर जिंदगी की तलाश में तुर्की से नाव पर सवार करीब 125 प्रवासी ग्रीस पहुंचने की कोशिश में थे। इस दौरान समुद्र में बहुत तेज हवाएं चलने लगीं, जिससे ग्रीस तट से सौ मीटर पहले ही उनकी नौका पलट गई। हादसे में चार नवजात, छह लड़के और पांच लड़कियों सहित 34 लोगों की मौत हो गई। इस बीच, पिछले दो दिनों में सर्बिया की सीमा से रिकार्ड संख्या में शरणार्थी हंगरी पहुंचे हैं। हंगरी की सरकार अब सीमा सील करने की तैयारी में जुटी है।

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ग्रीस के तटरक्षक बल ने बताया कि लकड़ी की एक नाव पर करीब 125 लोग सवार होकर ग्रीस की ओर आ रहे थे, तभी फार्माकोनीसी टापू के पास उनकी नौका डूब गई। जिससे 34 लोगों की मौत हो गई है। यह टापू समोस और कोस के रास्ते में पड़ता है।

अधिकारियों ने बताया कि 68 लोगों को बचा लिया गया है, जबकि 30 लोग तैरकर नाममात्र जनसंख्या वाले टापू पर पहुंच गए हैं। दो दिन पहले भी दो अन्य नावें डूब गई थीं, जिससे चार बच्चों, एक युवक सहित कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी।

सीमा पर कंटीले तार लगाएगा हंगरी

अधिकारियों के मुताबिक, इस साल सर्बिया से हंगरी में अब तक करीब एक लाख 75 हजार लोग आ चुके हैं। वहां की सरकार ने चेतावनी दी है कि सोमवार से एक भी शरणार्थी देश में घुसने न पाए। इसको देखते हुए हंगरी के इंजीनियरों ने 174 किलोमीटर लंबी सीमा पर कंटीले तार लगाने की योजना बनाई है।

और अधिक प्रवासियों को पनाह देने से कनाडा का इन्कार

टोरंटो। कनाडा की कंजर्वेटिव सरकार ने और अधिक सीरियाई शरणार्थियों को अपने यहां प्रवेश देने से इन्कार कर दिया है। हालांकि सीरियाई शरणार्थियों को 10 करोड़ डॉलर (करीब 6.6 अरब रुपये) की मदद देने का जरूर एलान किया है।

कनाडाई प्रधानमंत्री स्टीफेन हार्पर ने शनिवार को घोषणा की थी कि उनका देश सीरियाई शरणार्थी शिविरों को अतिरिक्त मानवीय मदद के रूप में 10 करोड़ डॉलर उपलब्ध कराएगा। हालांकि अधिक शरणार्थियों को यहां बसाने के बारे में कोई घोषणा नहीं की थी।

शरणार्थियों के प्रति कनाडा के रुख को लेकर सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2011 में संघर्ष शुरू होने के बाद से 40 लाख से अधिक सीरियाई अपना देश छोड़ चुके हैं।

ब्रिटिश नेता का मदद का आह्वान

लंदन। ब्रिटेन की लेबर पार्टी के नए नेता जेरेमी कॉरबिन ने शरणार्थियों की मदद की मांग के समर्थन में निकली रैली में शिरकत की। कॉरबिन का हाल ही में ब्रिटेन की लेबर पार्टी के नेता पद पर चयन हुआ है।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, 'सॉलिडॉरिटी विद रिफ्यूजीज' नामक इस रैली में कॉरबिन ने कहा, 'यूनाइटेड किंगडम को मानवता, दया और सहयोग की भावना दिखानी चाहिए। हमें यह हर हाल में मानना चाहिए कि युद्ध से कड़वाहट और समस्याओं की विरासत ही पैदा होती हैं। आइए हम दुनिया में बदलाव, मानवता और शांति की ताकत बनें। हम एक विश्व हैं।' बाद में पार्लियामेंट स्क्वायर में कॉरबिन ने ब्रिटिश सरकार से आग्रह किया कि वह कानून द्वारा लोगों की मदद के लिए दी गई जिम्मेदारी को पहचाने।


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