जाते-जाते भी अमेरिका, पाकिस्तान को कोस गए करजई
अफगानिस्तान के निवर्तमान राष्ट्रपति हामिद करजई ने विदाई भाषण में देश में लंबे समय तक चले युद्ध के लिए अमेरिका और पाकिस्तान को दोषी ठहराया है।
काबुल। अफगानिस्तान के निवर्तमान राष्ट्रपति हामिद करजई ने विदाई भाषण में देश में लंबे समय तक चले युद्ध के लिए अमेरिका और पाकिस्तान को दोषी ठहराया है।
2001 में तालिबान का शासन समाप्त होने के बाद अमेरिका के समर्थन से ही करजई सत्ता में आए थे लेकिन बाद के वर्षो में दोनों के रिश्तों में खराब होते चले गए।
नए राष्ट्रपति अशरफ गनी अशरफजई के शपथ ग्रहण समारोह से पहले मंगलवार को करजई ने विदाई भाषण में नई सरकार से अमेरिका और पश्चिमी देशों से रिश्तों के प्रति सर्तक रहने को कहा है।
शांति नहीं चाहता अमेरिका
करजई ने कहा, 'अमेरिका शांति नहीं चाहता है। उसके अपने एजेंडे और उद्देश्य हैं। मैं आज फिर से बताना चाहता हूं कि अफगानिस्तान में जो युद्ध चल रहा है वह हमारा युद्ध नहीं है। इसे हम पर थोपा गया है। हम पीड़ित हैं। पाकिस्तान और अमेरिका के चाहे बिना यहां शांति नहीं आ सकती।' उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ समय से जारी हिंसा के बहाने अमेरिका अफगानिस्तान में अपने सैन्य अड्डे बनाए रखने की हिमायत करता रहा है। इसके पीछे उसके अपने उद्देश्य हैं।'
अमेरिका की करीबी के लिए गनी ने जमकर की लॉबिंग
अफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति गनी ने अमेरिका को अपने पक्ष में रखने के लिए लॉबिंग में जमकर धन खर्च किया है।
गत मई में ही इस अभियान की शुरुआत हो गई थी जिसके तहत वाशिंगटन की तीन पब्लिक रिलेशन व लॉबिंग कंपनियों की सेवाएं ली जा रही हैं। ओबामा प्रशासन के अधिकारियों व सांसदों तक पहुंचने के लिए उन्होंने अब तक करीब 180,000 डॉलर [करीब एक करोड़ रुपये] खर्च किए हैं।
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