सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान में 230 शैक्षणिक संस्थान सील
सुरक्षा की समुचित व्यवस्था करने में विफल रहने पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 230 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थान सील कर दिए गए हैं। 53 संस्थानों को रविवार तक की मोहलत दी गई है। इस सप्ताह की शुरुआत में प्रांतीय सरकार ने आतंकी हमलों के मद्देनजर इन संस्थानों को पांच
इस्लामाबाद। सुरक्षा की समुचित व्यवस्था करने में विफल रहने पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 230 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थान सील कर दिए गए हैं। 53 संस्थानों को रविवार तक की मोहलत दी गई है। इस सप्ताह की शुरुआत में प्रांतीय सरकार ने आतंकी हमलों के मद्देनजर इन संस्थानों को पांच दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया था। साथ ही संस्थानों को सुरक्षा का समुचित प्रबंध करने के लिए गुरुवार तक का वक्त दिया गया था।
डॉन के अनुसार सील किए गए संस्थानों में से 138 स्कूल-कॉलेज ऐसे हैं जिनका संचालन सरकार करती है। पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से अखबार ने बताया है कि रावलपिंडी मेडिकल कॉलेज सहित 53 संस्थानों को रविवार तक सुरक्षा कड़ी करने या कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है।
कार्यकारी पुलिस आयुक्त साजिद जाफर ने बताया कि मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने पर्याप्त व्यवस्था करने में विफल रहने वाले संस्थानों के प्रमुखों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि अटक में पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा उपायों की जांच की। इस दौरान 205 स्कूल और कॉलेज में इंतजाम पर्याप्त नहीं मिले। इनमें से 127 सरकारी हैं। इस बीच, प्रांतीय सरकार ने शिक्षकों को हथियार चलाने और आतंकी हमले की सूरत में बचाव को लेकर प्रशिक्षित करना शुरू किया है।
जाफर ने बताया कि रावलपिंडी, गुजरखान और तक्षशिला क्षेत्र में फिलहाल यह अभियान चल रहा है। जाड़े की छुट्टियों के बाद स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को भी इस तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
गौरतलब है कि 20 जनवरी को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के चारसद्दा स्थित बाशा खान विश्र्वविद्यालय पर तालिबानी आतंकियों ने हमला किया था। हमले में 21 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर छात्र थे।
इसके बाद तालिबान ने और शैक्षणिक संस्थानों को निशाना बनाने की धमकी दी थी। इसे देखते हुए सरकार ने सभी स्कूल-कॉलेज के प्रबंधन से परिसर में पूरी तरह सुरक्षा सुनिश्रि्वत करवाने का आदेश दिया था।