कमजोर छात्रों को मिलेगी उपचारात्मक शिक्षा
मोतिहारी। पूर्वी चंपारण के करीब तीन हजार प्रारंभिक विद्यालयों में कक्षा तीन से आठ तक के कमजोर छात्र-छात्राओं का
शैक्षणिक उपचारÓ किया जाएगा। इसके तहत छात्रों के कमजोर पक्षों को दूर करने के लिए कक्षा में अतिरिक्त समय दिया जाएगा। यह व्यवस्था प्राथमिक विद्यालयों के साथ उन मध्य विद्यालयों में भी लागू की गई है, जहां कक्षा एक से आठवीं तक की पढ़ाई होती है। यह व्यवस्था जिला शिक्षा पदाधिकारी की पहल पर की गई है। इसे
उपचारात्मक शिक्षाÓ नाम दिया गया है। 17 अगस्त से लागू इस व्यवस्था के तहत सभी स्कूलों में कमजोर बच्चों को चिह्नित किया जा रहा है।
तीन से चार बजे तक कक्षा का संचालन
स्कूल दिवस में दोपहर बाद तीन से चार बजे तक ऐसे बच्चों के लिए कक्षा का संचालन होगा। इनके लिए प्रतिदिन पाठ्य सामग्री तैयार की जाएगी। इसे बनाने की जिम्मेदारी जिला शैक्षणिक कोषांग की है। सामग्री को वाट्सएप के माध्यम से संबंधित स्कूलों के प्रधानाचार्यों को भेजा जाएगा। वे इसे शिक्षकों को देंगे। शैक्षणिक कोषांग स्वयं इसकी मानीटरिंग करेगा। यह भी सुझाव दिया गया है कि संबंधित शिक्षक स्वविवेक से बच्चों के शैक्षणिक उपचार के लिए कुछ बेहतर कर सकते हैं। सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने स्तर से भी उपचारात्मक शिक्षा व्यवस्था का अवलोकन कर प्रतिवेदन दें। इस व्यवस्था के प्रभावी होने से शैक्षणिक रूप से कमजोर बच्चों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। अगर इस प्रयोग में कामयाबी मिली तो यह व्यवस्था सूबे के लिए आदर्श एवं अनुकरणीय हो सकती है।
कोट
प्रारंभिक विद्यालयों के कमजोर बच्चों को शैक्षणिक रूप से बेहतर बनाने के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। इसके उत्साहवद्र्धक परिणाम सामने आ रहे हैं। इस अभियान को जिला शिक्षा कोषांग द्वारा संचालित किया जा रहा है।
- संजय कुमार,
जिला शिक्षा पदाधिकारी (पूचं.)