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स्मार्ट सिटी कंपनी पर विजिलेंस का शिकंजा, एलईडी स्ट्रीट लाइट्स की जांच शुरू

स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रोजेक्टों पर विजिलेंस का शिकंजा कस गया है। सबसे पहले इस शिकंजे में 58 करोड़ रुपये का एलइडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट आया। सरकार से मिली शिकायत के बाद विजिलेंस ब्यूरो जालंधर की टीम ने जांच खोल दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 05:01 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 05:01 AM (IST)
स्मार्ट सिटी कंपनी पर विजिलेंस का शिकंजा, एलईडी स्ट्रीट लाइट्स की जांच शुरू
स्मार्ट सिटी कंपनी पर विजिलेंस का शिकंजा, एलईडी स्ट्रीट लाइट्स की जांच शुरू

जागरण संवाददाता, जालंधर : स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रोजेक्टों पर विजिलेंस का शिकंजा कस गया है। सबसे पहले इस शिकंजे में 58 करोड़ रुपये का एलइडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट आया। सरकार से मिली शिकायत के बाद विजिलेंस ब्यूरो जालंधर की टीम ने जांच खोल दी है। डीएसपी मेजर सिंह इसकी जांच कर रहे हैं और उन्होंने इसकी पुष्टि भी की है। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ कि शिकायत सरकारी स्तर पर संज्ञान लेकर हुई है या किसी संस्था की शिकायत के आधार पर जांच के निर्देश दिए गए हैं।

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चंडीगढ़ से शिकायत आने के बाद विजिलेंस ब्यूरो के डीएसपी मेजर सिंह ने निगम कमिश्नर दविदर सिंह से मुलाकात की है। डीएसपी विजिलेंस ने एलईडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट पर पूरा विवरण मांगा है और इससे जुड़ी फाइलों की कस्टडी भी मांगी। हालांकि अभी डीएसपी विजिलेंस को एलइडी स्ट्रीट लाइट से जुड़ी फाइलें नहीं मिली।

डीएसपी विजिलेंस ने निगम कमिश्नर से मिलकर यह मांग भी रखी कि इस मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिए एक नोडल अफसर भी नियुक्त कर दिया जाए ताकि इस प्रोजेक्ट पर वह इसी अधिकारी के माध्यम से जानकारी लेते रहे। विजिलेंस ब्यूरो की जांच इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एलईडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट को लेकर लगातार गड़बड़ी के आरोप लगते आ रहे हैं और निगम में सत्तारूढ़ कांग्रेस के मेयर जगदीश राजा और पार्षद ही गड़बड़ी का मुद्दा उठाते आ रहे हैं। इस मामले में नगर निगम हाउस में पार्षदों की जांच कमेटी गठित की गई थी। पार्षदों की जांच कमेटी में भी बड़े लेवल पर गड़बड़ी सामने आई थी। इसी जांच के आधार पर निगम कमिश्नर व स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ दविदर सिंह ने भी क्रास जांच करवाई है। इस जांच की रिपोर्ट भी एक-दो दिनों में फाइनल हो जाएगी। यह जांच नगर निगम के एसई बीएंडआर रजनीश डोगरा कर रहे हैं। उनकी जांच करीब 25 दिन से चल रही है। भाजपा ने भी विजिलेंस ब्यूरो से जांच की मांग की थी।

----------- थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन में भी एतराज दर्ज हुए

प्रोजेक्ट की सिर्फ निगम हाउस ने ही जांच नहीं की है बल्कि थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन कंपनी ने भी अपनी रिपोर्ट में कई गड़बड़ियां उजागर की हैं। यह गड़बड़ियां विजिलेंस ब्यूरो के लिए बड़ा सबूत साबित होंगी। इसमें वित्तिया और तकनीकी दोनों तरह की गड़बड़ियां शामिल हैं। दो दिन में नगर निगम के एसई बीएंडआर रजनीश डोगरा की रिपोर्ट भी आ जाएगी। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट में भी गड़बड़ी के आरोपों को पुख्ता किया है। ----------

यह गड़बड़ियां आई हैं सामने

- स्मार्ट सिटी कंपनी ने ठेका कंपनी एचसीएल को करीब 7.50 करोड़ का ज्यादा भुगतान किया।

- इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कास्ट 2.97 करोड़ से बढ़कर 4.96 करोड़ की।

- जीएसटी के लिए भी 75 लाख रुपये ज्यादा दिए।

- स्मार्ट सिटी कंपनी ने ठेका कंपनी से 3.50 करोड़ की बैंक गारंटी नहीं ली।

- निगम की पुरानी 45 हजार सोडियम लाइट्स बेचने में करोड़ों का नुकसान।

- ठेकेदार ने तय गिनती से ज्यादा लाइट्स लगाईं।

- कैंट हलके के 11 गांव में जो लाइटें गलाई गई हैं वह कम वाट की हैं।

- प्रोजेक्ट कास्ट 48.84 करोड़ रुपये से बढ़कर 57.92 करोड़ की गई

- रिटेंशन मनी के 1,36,59,815 रुपये ठेका राशि में से नहीं लिए गए

- प्रोजेक्ट पूरा हुआ बिना स्ट्रीट लाइट्स की मरम्मत के लिए लाखों रुपये का भुगतान

- तय समय में काम पूरा नहीं किया और दो बार एक्सटेंशन दी गई

- ठेकेदार ने अभी तक कंट्रोल रूम स्थापित नहीं किया।


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