UP Terrorist : गुजरात के मदरसे से भगाए जाने पर सैफुल्ला का मोबाइल देख सन्न रह गए थे पिता, तोड़ लिया था नाता
यूपी एटीएस ने आतंकी सैफुल्ला को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ की तो कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। गुजरात के मदरसे के प्रबंधक ने उसे आतंकी गतिविधियों में संलिप्त देखकर निकाल दिया था और वह वापस घर आ गया था।
कानपुर, जागरण संवाददाता। फतेहपुर में जन्मे और पले-बढ़े सैफुल्ला की आतंकी गतिविधियों की जानकारी के बाद मोहल्ले वालों को विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनके बीच रहने वाला जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन से जुड़ा था। यही वजह थी कि पांच माह पहले गुजरात के मदरसे से निकाले जाने के बाद घर लौटे सैफुल्ला का मोबाइल देखने के बाद अवाक पिता ने उससे नाता तोड़कर घर से निकाल दिया था।
फतेहपुर से किया था गिरफ्तार : नुपूर शर्मा की हत्या की साजिश रचने में सहारनपुर से गिरफ्तार आतंकी नदीम से पूछताछ के बाद एटीएस ने स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले फतेहपुर से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्ला को गिरफ्तार किया था। इंटरनेट पर वर्चुअल आइडी बनाने में माहिर सैफुल्ला ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आतंकियों के लिए पचास से ज्यादा आइडी बनाई थीं।
पिता बनाना चाहते थे हाफिज : बिहार के मोतिहारी जिले रामगड़वा गांव से परिवार लेकर 25 साल पहले फतेहपुर आए जफरूल इस्लाम सैयदवाड़ा मोहल्ला में मदरसा इस्लामिया बिल्डिंग में किराये पर रहे और मदरसा में हाफिज हो गए। चार बेटों में तीसरे नंबर के बेटे सैफुल्ला को वह शिक्षक बनाना चाहते थे। इसके लिए आलिम की पढ़ाई के बाद उसे वर्ष 2018 में उसे इटावा भेजा लेकिन जब वह वापस आया तो प्रतापगढ़ के मदरसा में दाखिला कराया लेकिन वहां से भी लौट आया था।
एटीएस की जांच में सामने आई बात : एटीएस की जांच में सामने आया कि 19 वर्षीय सैफुल्ला ने हाफिज की पढ़ाई की है। कोरोना के समय परिवार ने उसे दीनी तालीम हासिल करने के लिए गुजरात के भरूच स्थित मदरसे में भेजा था। वहां रहते हुए वह इंटरनेट मीडिया के जरिए कट्टरपंथियों से जुड़ा, इसकी जानकारी मदरसा प्रबंधक को हुई तो उसे वहां से निकाल दिया और करीब एक साल पहले वह फतेहपुर लौट आया था।
सूत्रों के मुताबिक करीब पांच महीने पहले एक दिन पिता ने उसके मोबाइल पर कट्टरपंथी विचारधारा के मैसेज, बम बनाने के तरीके और तमाम आपत्तिजनक सामग्रियां देखी तो मोबाइल तोड़कर उसे खूब पीटा। इसके बाद सैफुल्ला ने घर छोड़ दिया। तब से वह पड़ोस के मोहल्ले में रहता था और एक छोटे से मदरसे में बच्चों को पढ़ाकर अपना गुजरा कर रहा था।