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लक्ष्मणानंद सरस्वती के हत्यारों को दंडित न होना दुर्भाग्यजनक : कुसुम

स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या के 14 साल बाद भी हत्यारों की पहचान न होना तथा दंडित नहीं करना दुर्भाग्यजनक है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 04:05 AM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 04:05 AM (IST)
लक्ष्मणानंद सरस्वती के हत्यारों को दंडित न होना दुर्भाग्यजनक : कुसुम
लक्ष्मणानंद सरस्वती के हत्यारों को दंडित न होना दुर्भाग्यजनक : कुसुम

लक्ष्मणानंद सरस्वती के हत्यारों को दंडित न होना दुर्भाग्यजनक : कुसुम

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जागरण संवाददाता, राउरकेला : स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या के 14 साल बाद भी हत्यारों की पहचान न होना तथा दंडित नहीं करना दुर्भाग्यजनक है। स्वामी लक्ष्मणानंद की पुण्य तिथि पर आयोजित कार्यक्रम में विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारी शांतनु कुसुम ने यह बात कही। बताया कि वर्ष 2008 में जन्माष्टमी के दिन ही उनकी हत्या की गई थी एवं तब से आज के दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। शांतनु कुसुम ने कहा कि जन्माष्टमी के दिन ही 84 वर्षीय स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती कंधमाल जिले के जलेशपटा कन्याश्रम में आयोजित समारोह में शामिल थे तभी हत्यारों ने उनके साथ उनके शिष्यों की भी हत्या कर दी थी। स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती वनवासियों के विकास, गो संपदा की सुरक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उनकी हत्या किसने और किन कारणों से की, इसकी गुत्थी 14 साल बाद भी नहीं सुलझ पायी। पुलिस प्रशासन की ओर से भी इसे महत्व नहीं दिया गया एवं गंभीरता से इसकी जांच नहीं करायी गई। सरकार की ओर से जांच के लिए दो आयोग का गठन किया गया पर जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बजाय उसे फाइलों के नीचे दबा दिया गया। हत्या के लिए षड्यंत्र रचने वालों का भी पर्दाफाश नहीं हो पाया। शांतनु कुसुम ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के साथ ही दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।


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