बिहार में नई सरकार बनने ही जाति आधारित गणना पर बनी यह रणनीति, भागलपुर में DM ने 47 अधिकारियों ने दिय यह निर्देश
बिहार में जाति आधारित गणना की तैयारी शुरू हो गई है। भागलपुर के डीएम ने 47 अधिकारियों को सौंपी जिम्मेवारी। नई सरकार बनने के साथ ही जाति आधारित गणना पर जोर दे दिया है। वरीय उप समाहर्ता एडीएम को सहयोग करेंगे।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जाति आधारित गणना : सूबे में नई सरकार के गठन के बाद जाति आधारित गणना-2022 की तैयारी तेज हो गई है। जिला प्रशासन ने भी जाति आधारित गणना की तैयारी शुरू कर दी है। डीएम ने जिला में जाति आधारित गणना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए 47 अधिकारियों को जिम्मेवारी सौंपी है। ये अधिकारी जिला, प्रखंड से लेकर पंचायत तक जाति आधारित गणना का कार्य संपन्न कराएंगे। डीएम ने जिलास्तर पर जाति आधारित गणना की मानिटरिंग के लिए एडीएम को वरीय पदाधिकारी बनाया है। स्थापना शाखा के वरीय उप समाहर्ता एडीएम को सहयोग करेंगे। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को अपर प्रधान गणना पदाधिकारी बनाया गया है।
अनुमंडल स्तर पर संबंधित एसडीओ को अनुमंडल गणना पदाधिकारी बनाया गया है। शहरी क्षेत्र में नगर आयुक्त या कार्यपालक पदाधिकारियों को नगर चार्ज अधिकारी बनाया गया है। प्रखंड स्तर पर बीडीओ को प्रखंड चार्ज अधिकारी और सीओ को सहायक प्रखंड चार्ज अधिकारी बनाया गया है। गणना के दौरान आर्थिक स्थिति के सर्वेक्षण का भी प्रयास किया जाएगा। आंकड़ों का संग्रहण डिजिटल मोड में किया जाएगा। डीएम ने अधिकारियों को जिम्मेदारी और गाइडलाइन की कापी भी उपलब्ध करा दी है। जिसमें यह बताया गया कि गणना कैसे किया जाना है।
गंगा पंप नहर परियोजना की मुख्य कैनाल से लालापुर अंडरपास पुल पर हो रहा जमकर रिसाव
संवाद सूत्र, कहलगांव। बटेश्वरस्थान गंगा पंप नहर की मुख्य कैनाल में 10.2 आरडी पर स्थित लालापुर अंडरपास पुल पर कई जगह जमकर रिसाव हो रहा है। दरअसल, कैनाल में पानी छोड़ा गया था। ऐसा हर बार हो रहा है। अभी मुख्य कैनाल में पानी भरा है। अंडरपास पुल के बीच में पानी टपकता रहता है। पुल के चारों कोनों से और पुल के बगल में भी रिसाव हो रहा है। पुल पर हो रहे पानी रिसाव की जानकारी अभियंता को रहने के बाद भी मरम्मत और लीकेज बंद कराने की बजाय चुप्पी साधे हुए है। रिसाव बंद नहीं करने पर अंडरपास पुल पर खतरा हो सकता है। यहां भी एनटीपीसी वाला हाल होने के करीब है।
ग्रामीणों ने बताया कि जब-जब नहर में पानी छोड़ा जाता है तब रिसाव होता है। पुल के नीचे कीचड़ भी भर जाता है। अभियंता मुख्य कैनाल और कुशापुर लघु केनाल में पानी छोड़ खानापूर्ति में लगे हुए हैैं। सिंचाई के लिए खेतों तक वितरणी निर्माण कार्य की शुरुआत अभी तक नहीं की गई है। अभियंता का कहना है कि कैनाल से ही मोटरपंप लगाकर किसान पटवन करें। किसानों का कहना है कि जब नहर से खेत दूर है तो पटवन कैसे करेंगे। गंगा पंप नहर परियोजना का अभी तीन हिस्सा कार्य बाकी है। परियोजना का उद्घाटन चार साल पहले होने के बाद भी अधूरा पड़ा हुआ है।