सिख बंदियों को रिहा न करने के विरोध में संगत ने निकाला रोष मार्च
पंजाब सहित देश की विभिन्न जेलों में सजा पूरी होने के बाद भी सिख बंदियों को रिहा न करने के विरोध में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर (एसजीपीसी) के कर्मचारियों तथा सिख संगत ने मोटरसाइकिल पर रोष मार्च निकाला।
- एसजीपीसी के कर्मचारी व सिख संगत मोटरसाइकिलों पर निकाला रोष मार्च
- लघु सचिवालय पर उपमंडल अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व गृह मंत्रालय को भेजा ज्ञापन जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : पंजाब सहित देश की विभिन्न जेलों में सजा पूरी होने के बाद भी सिख बंदियों को रिहा न करने के विरोध में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर (एसजीपीसी) के कर्मचारियों तथा सिख संगत ने मोटरसाइकिल पर रोष मार्च निकाला। शहर की मुख्य सड़कों पर रोष मार्च निकाल लघु सचिवालय पहुंचे। लघु सचिवालय पर उपमंडल अधिकारी अदिति के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्रालय व प्रदेश के राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा रोष मार्च के दौरान संगत ने बोले सो निहाल-सत श्री अकाल के जयकारे लगाए। रोष मार्च श्री अकाल तख्त साहिब के हुक्म अनुसार और एसजीपीसी के निर्देश पर निकला।
रोष मार्च की अगुवाई कर रहे शिरोमणि अकाली दल के प्रदेश प्रवक्ता एवं सिख परिवार हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष कवलजीत सिंह अजराना ने कहा कि यदि देश की विभिन्न जेलों में बंद और सजा भुगत चुके बंदी सिखों को शीघ्र रिहा न किया गया, तो श्री अकाल तख्त साहिब के मार्गदर्शन में धर्म युद्ध मोर्चा लगाने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई सिख आज भी सजा पूरी होने के बाद जेलों में बंद हैं, जिनकी रिहाई के लिए वर्तमान सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है, इसलिए अकाल तख्त साहिब के हुक्म के अनुसार एसजीपीसी अब इसके खिलाफ आंदोलन करने पर विवश हुई है। देश को आजाद कराने में सबसे अधिक कुर्बानी देने वाले सिखों को कभी भी न्याय नहीं मिला। समय की सरकारों ने सिखों को दबाने के लिए ओछे हथकंडे अपनाए हैं। सिखों को हमेशा दूसरे दर्जे का शहरी माना जाता है, हालात यह है कि कोर्ट की ओर से निर्धारित सजा भुगतने के बाद भी सिख कैदियों को रिहा नहीं किया जा रहा है।
ये रहे मौजूद
रोष मार्च में तजिद्र सिंह मक्कड़, नरेंद्र सिंह गिल, गुरुद्वारा छठी पातशाही के प्रबंधक अमरिद्र सिंह, तजिद्र पाल सिंह सियाहपोश, जरनैल सिंह बोढी, किसान मोर्चा के बख्शीश सिंह, मोहिद्र सिंह, कुलवंत सिंह, रघुबीर सिंह, गुरविद्र सिंह, जसपाल सिंह, दिलबाग सिंह, बलबीर सिंह, प्रीतपाल सिंह, लखविद्र सिंह संधू, युवराज सिंह, हरप्रताप सिंह, हैड ग्रंथी ज्ञानी गुरदास सिंह, हरकीरत सिंह, सुखवंत सिंह प्रधान, इंद्रजीत सिंह सग्गू, करतार सिंह दामली, सुरेंद्र सिंह मौजूद रहे।