Move to Jagran APP

अगस्त में सूखा पड़ने की आशंका

पिछले वर्षों की अपेक्षा अगस्त में सूखा पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 06:23 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 06:23 PM (IST)
अगस्त में सूखा पड़ने की आशंका
अगस्त में सूखा पड़ने की आशंका

सुभाष डागर, बल्लभगढ़ : पिछले वर्षों की अपेक्षा अगस्त में सूखा पड़ रहा है। किसानों के लिए धान की बात दूर, कम पानी से पकने वाली फसलों को भी बचाना मुश्किल हो रहा है। अगस्त महीने में अभी तक जिले 35.75 मिलीमीटर औसत वर्षा हुई है, जबकि 20 अगस्त तक सबसे ज्यादा वर्षा होने की संभावना होती है।

loksabha election banner

जिले में 17 हजार हेक्टेयर भूमि में धान लगाया गया है। इसके लिए सभी किसानों को ज्यादा पानी की जरूरत है। सबसे कम पानी में पकने वाली फसल चार हजार हेक्टेयर भूमि में बाजरा लगाया गया है। अगस्त में वर्षा न होने के कारण अब किसान पूरी तरह से ट्यूबवेलों पर निर्भर हैं। ट्यूबवेलों से भी किसान बाजरे की बजाय धान को बचाना अपनी प्राथमिकता पर रखते हैं। यही कारण है कि अब हरा चारा ज्वार, बाजरा, दलहन-तिलहन भी सूखा की चपेट में आ गए हैं। किसान चितित हैं कि यदि वर्षा नहीं हुई, तो फसल को कैसे पकाया जाए। पिछले पांच वर्ष में अगस्त महीने के दौरान हुई औसत वर्षा मिलीमीटर में

-वर्ष-वर्षा

-2017-44 मिलीमीटर

-2018-73.66

-2019-66.66

-2021-168

-2021-149.375

-2022-35.75 अगस्त 2022 में जिले की तहसील और उपतहसीलों में हुई वर्षा मिमी में

-तहसील का नाम-वर्षा मिलीमीटर में

-फरीदाबाद-24

-बड़खल-16

-बल्लभगढ़-35 उपतहसील

-मोहना-65

-दयालपुर-52

-धौज-59

-तिगांव-16

-गौंछी-19 अब सबसे ज्यादा वर्षा की जरूरत है, लेकिन हो नहीं रही है। हरा चारा ज्वार को बचाने के लिए भी ट्यूबवेलों से सिचाई करनी पड़ रही है। धान के लिए सबसे ज्यादा पानी की जरूरत है।

-बिजेंद्र सिंह, पूर्व सरपंच सुनपेड़ अगस्त में कम वर्षा हो रही है। हरे चारे के लिए थोड़ी-थोड़ी वर्षा हो जाती है, लेकिन अभी धान की फसल को दो-तीन वर्षा की जरूरत है, जो नहीं हो पा रही है। आने वाले सप्ताह में वर्षा होने की संभावना जताई जा रही है। यदि वर्षा अच्छी हो गई, तो फिर काफी हद तक कमी दूर हो सकती है।

-डा. विरेंद्र देव आर्य, उपनिदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग फरीदाबाद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.