सुपवा में 50 दिन से चल रहा धरना, विवि ने 94 विद्यार्थियों के काटे नाम
- पीएलसी सुपवा में फिल्म एंड टीवी विभाग के विद्यार्थियों का आंदोलन जारी - विवि प्रशासन का पक्ष -जायज मांगों को किया पूरा कक्षाएं नहीं लगाने पर कार्रवाई भी की
जागरण संवाददाता, रोहतक :
पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी आफ परफार्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के फिल्म एंड टीवी विभाग के विद्यार्थियों के धरने को 50 दिन हो गए हैं। मांगों को लेकर आंदोलनरत विद्यार्थियों ने स्वतंत्रता दिवस पर 13 किलोमीटर मार्च निकालकर गांधीवादी तरीके से जनसमर्थन भी मांगा। उधर, प्रशासन का दावा है कि अधिकतर जायज मांगों को मान लिया गया है। विश्वविद्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और लंबे समय से कक्षाएं नहीं लगाने पर 94 विद्यार्थियों के नाम भी काटे गए हैं।
फिल्म एंड टीवी छात्र एकता के बैनर तले यह धरना विश्वविद्यालय परिसर में चल रहा है। शिवम ने बताया कि विभाग में सुविधाएं बढ़ाने के बजाय सीटें बढ़ाई गई, जो गलत है। 2019 में कोर्स में किए गए बदलाव, जिससे विद्यार्थियों को काफी दिक्कतें आ रही है। क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल पा रही है। सिलेबस से प्रोजेक्ट्स, एक्सरसाइज और वर्कशाप काट दिए गए। सिलेबस को दुरुस्त नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों के पद खाली हैं, जिनको भरा नहीं गया। कक्षाओं में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। संसाधनों का भी अभाव है। विवि प्रशासन के समक्ष अनेकों बार मांगों को लेकर मुलाकात की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण धरने पर बैठना पड़ा। विद्यार्थियों की मांगों को पूरा करने के बजाय धरने पर बैठे 94 विद्यार्थियों के नाम काट दिए गए और अब जुर्माना और माफीनामा विद्यार्थियों से लिया जा रहा है। लेकिन जब तक विद्यार्थियों के नाम काटने का निर्णय वापस नहीं लिया जाएगा और उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। वर्जन
विद्यार्थियों की अधिकतर जायज मांगों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने मान लिया है। धरने पर बैठे विद्यार्थियों से कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन वो अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। जो विद्यार्थी लंबे समय से कक्षाओं में नहीं जा रहे थे, उनको नोटिस दिया गया। इसके बावजूद भी कक्षाएं नहीं लगाई तो विवि के नियमों के मुताबिक उनके नाम काटने की कार्रवाई की गई है। विद्यार्थियों के हितों को लेकर विभाग में अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध करवाए गए हैं। विभाग की दीवारों को भी कोयले से खराब किया गया है। परिसर में नारेबाजी व हुड़दंगबाजी के चलते पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। साथ ही, दाखिलों की प्रक्रिया चल रहा है, इससे विश्वविद्यालय की छवि भी खराब होती है। फिर भी विद्यार्थियों की कोई जायज मांग है तो उनको भी पूरा करने के लिए विवि प्रशासन तैयार है।
-डा. बैनूल तोमर, निदेशक, जनसंपर्क विभाग, पीएलसी सुपवा, रोहतक