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रक्षा का वचन पूरा नहीं, भाई के क्रंदन से गांव बेजार

रक्षाबंधन पर ससुराल से अपने मायके श्रीनाथ पारण आई चंपा ने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर रक्षा का वचन तो ले लिया लेकिन उस भाई को शायद यह नहीं पता था कि वह इस वचन को निभा पाएगा या नहीं। ठीक दूसरे ही दिन वह अपनी बहन के साथ-साथ अपने भांजे-भांजी को भी खो बैठा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 12:41 AM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 01:19 AM (IST)
रक्षा का वचन पूरा नहीं, भाई के क्रंदन से गांव बेजार
रक्षा का वचन पूरा नहीं, भाई के क्रंदन से गांव बेजार

समस्तीपुर । रक्षाबंधन पर ससुराल से अपने मायके श्रीनाथ पारण आई चंपा ने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर रक्षा का वचन तो ले लिया, लेकिन उस भाई को शायद यह नहीं पता था कि वह इस वचन को निभा पाएगा या नहीं। ठीक दूसरे ही दिन वह अपनी बहन के साथ-साथ अपने भांजे-भांजी को भी खो बैठा। इस सूचना मात्र से भाई टूनटून दास बेजार हो उठा। शव देखकर तो उसकी करूण क्रंदन से पूरा गांव रो उठा। लगभग 15 साल पूर्व चंपा की शादी हिदू रीति-रिवाज से बेलसंडी गांव निवासी रमेश दास से हुई थी। चंपा के नैहर में पिता माधव दास, भाई टुनटुन दास सपरिवार रह रहे थे। घटना के बाद से भाई अपने को ही कलंकित कह रहा है। बता रहा है कि अब हम किस मुंह से अपने बहनोई को जबाव देंगे। पिता भी रो-रोकर यही दुहरा रहे थे। चार दिन पूर्व ही रक्षाबंधन को लेकर बेटी ससुराल से यहां आयी थी। परसों ससुराल जाने ही वाली थी। पिता कहते हैं कि समधि झपसी दास व दामाद रंजीत को क्या जवाब देंगे। पंचायत की मुखिया चित्रलेखा देवी, समाजसेवी गुड्डू कुमार, पैक्स अध्यक्ष रामकिशोर साह स्वजन को ढाढ़स दे रहे थे। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव को घरवाले को सिपुर्द कर दिया है। स भाई टुनटुन दास सहित ग्रामीणों का रोते-रोते बुरा हाल देखा गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि यूडी केस दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई जारी है। एक दूसरे को बचाने में चली गई जान

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कल्याणपुर प्रखंड में चकमेहसी थाना क्षेत्र के श्रीनाथ पारण गांव में शौच के लिए मां अपने तीन बच्चे के साथ गई थी। देर तक घर वापस नहीं लौटने पर स्वजनों ने खोजबीन की, तो डूबने की जानकारी मिली। बताया जाता है कि एक दूसरे को बचाने के चक्कर में चारों की जान चली गई।

इसमें वे मासूम भी शामिल रहे जिन्होंने अपनी जिदगी की शुरूआत भी नहीं की थी। 12 वर्षीया आंचल कुमारी, 10 वर्षीय गौतम कुमार एवं 8 वर्षीय पुत्री काजल कुमारी असमय ही काल के गाल में समा गई।


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