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सांप के डसने के बाद घाव के चलते बंद हुआ उंगल‍ियों का मूवमेंट, एसजीपीजीआई में इलाज से म‍िली राहत

बिहार के एक गांव की युवती को 24 जुलाई 2022 कि रात सोते समय सांप ने दायें हाथ पर डस लिया था। एंटी स्नेक इंजेक्शन लगने के बाद उसकी जान तो बच गई लेकिन घाव के बढ़ने से युवती की उंगल‍ियों ने काम करना बंद कर द‍िया था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 07:58 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 07:37 AM (IST)
सांप के डसने के बाद घाव के चलते बंद हुआ उंगल‍ियों का मूवमेंट, एसजीपीजीआई में इलाज से म‍िली राहत
Snake Bite: संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के प्लास्टिक सर्जरी व‍िभाग में सफल इलाज।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। 25 वर्षीय सुमिता को सांप ने काट लिया। एंटी स्नेक इंजेक्शन लगने के बाद उसकी जान तो बच गई, लेकिन कलाई के निचले हिस्से में घाव हो गया तो बढ़ता ही जा रहा था। तमाम इलाज के बाद भी घाव ठीक नहीं हो रहा था। इसके साथ ही उंगलियां भी चलनी बंद हो गयी। घर वाले इनको लेकर संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में लेकर आए तो विभाग के प्रमुख प्रो. राजीव अग्रवाल ने देखा तो पता चला कि सांप के जहर से घाव के साथ उंगलियों को गति देने वाले टेंडन भी क्षतिग्रस्त हो गए है।

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त्वचा के ठीक नीचे टेंडन होता है। त्वचा के क्षति ग्रस्त होने पर टेंडन की आशंका काफी हद तक रहती है। विशेष ड्रेसिंग से पहले घाव को ठीक किया। रेडियल आर्टरी फोर आर्म फ्लैप के जरिए टेंडन को ठीक किया। प्रो. राजीव के मुताबिक पहले सूखे टेंडन को निकाल फिर फोर आर्म (कलाई और कोहनी के बीच) से त्वचा और टेंडन लेकर धाव के वाले हिस्से में रोपित किया। अब उंगलियां मुड़ने लगी हैं। घाव पूरी तरह ठीक हो गया है।

प्रो. राजीव ने बताया कि 5 अगस्त 2022 को एक 25 साल कि युवती जिसको सांप ने काटा हुआ था ओपीडी में दिखाने आयी थी। यह बिहार के एक छोटे से गांव मीनापुर, जिला मुजफ्फरपूर कि रहने वाली है। इसने बताया 24 जुलाई 2022 कि रात को जब वह सो रही थी, तब सांप ने दायें हाथ पर डस लिया। डसने के तुरंत बाद हाथ मे अत्यधिक दर्द, सूजन और जलन हो गयी। आस-पास के त्वचा के रंग मे भी बदलाव आ गया, और साथ हीं साथ बुखार, उल्टी, सिर दर्द एवं कंपकपी लगने लगी। उसके बाद उसके मुहं से झाग निकलने लगा और वो बेहोश हो गयी।

घर पर उसका प्राथमिक इलाज जो भी उपलब्ध था उसे किया गया एवं घर के लोग ने हाथ के उपर के हिस्से पर कस के कपड़ा बांध दिया। पीएससी से उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां पर एन्टीवेनम दिया गया । एन्टीवेनम देने के बाद होश आ गया। इसके कुछ दिनों के बाद रोगी सर्पदंश से ठीक हो गई, लेकिन उसके हाथ का घाव बढ़ता गया। उंगल‍ियां चलनी बंद हो गयी थी। निश्चेतना विशेषज्ञ प्रो. संजय कुमार और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डा. भूपेश ने विशेष योगदान रहा।

सांप काटे तो क्या करें क्या न करें 

  • तुरंत डॉक्टर को फोन करें एवं अस्पताल ले जाने कि तैयारी करें।
  • रोगी को जमीन पर आराम की अवस्था में लेटा दें।
  • सांप काटने के घाव को पानी एवं साबुन से धोयें।
  • अंगुठी, घड़ी, चूड़ी इत्यादी पहने हो तो उसे निकाल दें।
  • कटे वाले भाग को स्थिर रखे एवं ज्यादा चलायें नही, और एक खपची बांध दें।
  • टूनिकेट (रक्त बंद ना लगाएं)
  • डसे हुए हिस्से के आगे या ऊपर कोई कपड़ा या रस्सी ना बांधे।
  • सर्पदंश के घाव को चाकू से ना काटें।
  • सर्पदंश के घाव को मुंह से ना चूसें
  • सर्पदंश के रोगी को दर्द निवारक दवा भी ना दें।

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