आनलाइन पेपर लेने वाली वीबाक्स कंपनी का कमाल, विद्यार्थियों ने पेपर दिया उनको भी दिखाया अनुपस्थित
वीबाक्स कंपनी से पेपर करवाने पर विद्यार्थियों में शुरू से विरोध है। विद्यार्थियों ने पहले ही रोष जताते हुए कहा था कि कौन जिम्मेदार होगा। पहले भी उनकी रिअपीयर आ चुकी है तो बार-बार रिअपीयर या अनुपस्थित दिखाने से पैसे भुगतने पड़ते है।
हिसार, जागरण संवाददाता। बीबाक्स कंपनी का कमाल विद्यार्थियों पर भारी पड़ गया है। जीजेयू ने कालेज विद्यार्थियों के पेपर करवाने के लिए वीबाक्स कंपनी को ठेका दिया था। इन पेपरों का रिजल्ट आना शुरू हो गया है। अभी बीकाम का परीक्षा परिणाम आया था। इसमें हैरान कर देने वाली बात भी सामने आई है। जिन विद्यार्थियों ने पेपर दिया था, उनको भी अनुपस्थित या अबसेंट दिखा दिया। कई विद्यार्थियों की रिअपीयर आई हुई है। बाकी विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम भी ठीक अंक नहीं मिले। इसको लेकर विद्यार्थियों में रोष है।
ज्ञापन सौंपने वीसी आफिस पहुंचे विद्यार्थी
सभी विद्यार्थी एकजुट होकर कालेज या संस्थान में पहुंच रहे है। ऐसे में विद्यार्थियों ने कालेज प्रशासन या विवि प्रशासन को शिकायत सौंप रहे है। शनिवार सुबह डीएन कालेज प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। विद्यार्थियों ने बताया कि उन्होंने पेपर दिया था और पेपर भी अच्छा हुआ था। इसके बावजूद उनकी रिअपीयर दिखा दी गई और किसी को अनुपस्थित दिखा दिया।
अब फेल कर दिया है तो आगे का भविष्य भी दांव पर होगा। विद्यार्थियों ने मांग की है कि दोबारा से पेपरों की जांच की जाएं और उनकी अनुास्थित को हटाकर पास किया जाएं। दरअसल कोविड में पेपर आनलाइन हुए थे। इस बार जीजेयू के अंतर्गत आने वाले कालेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पेपर करवाने के लिए विवि प्रशासन ने करोड़ों रुपयों में वीबाक्स कंपनी को ठेका दिया था और अपना पल्ला झाड़ लिया। इस कंपनी की शुरू से ही शिकायत आ रही है।
दाखिले में आ रही समस्या
बीकाम फाइनल के पांचवें समेस्टर का परिणाम आया है। अब विद्यार्थियों को आगे दाखिले लेने में समस्या आ रही है। रिअपीयर और अनुपस्थित होने के कारण दाखिला नहीं ले पा रहे है। ऐसे में उनकाे एक साल का दोबारा से इंतजार करना पड़ेगा।
फार्म भरने पर देने पड़ रहे पैसे
वीबाक्स कंपनी से पेपर करवाने पर विद्यार्थियों में शुरू से विरोध है। विद्यार्थियों ने पहले ही रोष जताते हुए कहा था कि कौन जिम्मेदार होगा। पहले भी उनकी रिअपीयर आ चुकी है तो बार-बार रिअपीयर या अनुपस्थित दिखाने से पैसे भुगतने पड़ते है। फार्म भरने पर एक हजार से दो हजार रुपये देने पड़ते है।