बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीजी में एससी-एसटी विद्यार्थियों से फीस लेने पर छात्र नेताओं ने जताया विरोध
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीजी सत्र 2021-23 में नामांकन के लिए एससी-एसटी विद्यार्थियों और सभी कोटि की छात्राओं से फीस लिए जाने का विरोध शुरू हो गया है। इसको लेकर गुरुवार को छात्र लोजपा (रामविलास) की बैठक प्रदेश प्रधान महासचिव गोल्डेन सिंह की अध्यक्षता में हुई। गोल्डेन ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकांश विभाग अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति एवं महिला अभ्यर्थियों से फीस के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं।
मुजफ्फरपुर । बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीजी सत्र 2021-23 में नामांकन के लिए एससी-एसटी विद्यार्थियों और सभी कोटि की छात्राओं से फीस लिए जाने का विरोध शुरू हो गया है। इसको लेकर गुरुवार को छात्र लोजपा (रामविलास) की बैठक प्रदेश प्रधान महासचिव गोल्डेन सिंह की अध्यक्षता में हुई। गोल्डेन ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकांश विभाग अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति एवं महिला अभ्यर्थियों से फीस के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला अभ्यर्थियों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लेना है। कहा कि विश्वविद्यालय इस आदेश को अनदेखा कर पैसा ले रही है। कहा कि विश्वविद्यालय और सभी संबंधित कालेज यदि एक सप्ताह के भीतर नामांकन मद में ली गई राशि छात्र-छात्राओं को नहीं लौटाते हैं तो उनके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। इधर, अध्यक्ष छात्र कल्याण डा.अभय कुमार सिंह ने बताया कि एससी-एसटी कोटि के विद्यार्थियों और सभी कोटि की छात्राओं से शुल्क लिया जा रहा है। सरकार का आदेश है कि शुल्क नहीं लेना है, लेकिन कालेजों और विश्वविद्यालय में पिछले कुछ वर्षों में लिए गए नामांकन मद की राशि विभाग की ओर से मुहैया नहीं कराई गई है। ऐसे में संस्थानों में मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति पर भी संकट गहराने लगा है। संस्थानों की ओर से यह शिकायत किए जाने के बाद छात्र-छात्राओं से सशर्त शुल्क लिया जा रहा है। नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होते ही इस कोटि में नामांकित विद्यार्थियों की सूची सरकार को भेजी जाएगी। वहां से राशि लौटाए जाने के बाद आरक्षित सभी छात्र-छात्राओं को राशि लौटा दी जाएगी।