President Election 2022: यशवंत सिन्हा या द्रौपदी मुर्मू... दोराहे पर हेमंत सोरेन, राष्ट्रपति चुनने में अनिर्णय का फेर...
Presidential Election यशवंत सिन्हा या फिर द्रौपदी मुर्मू... राष्ट्रपति चुनाव लड़ रहे इन दोनों उम्मीदवारों का झारखंड से सीधा नाता है। संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा हजारीबाग से आते हैं। वहीं द्रौपदी मुर्मू छह साल तक झारखंड का राज्यपाल रह चुकी हैं।
रांची, [जागरण स्पेशल]। Presidential Election, Yashwant Sinha, Draupadi Murmu यशवंत सिन्हा या फिर द्रौपदी मुर्मू... राष्ट्रपति चुनाव लड़ने जा रहे इन दोनों कद्दावर उम्मीदवारों का झारखंड से सीधा नाता है। संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा प्रदेश के हजारीबाग जिले से आते हैं। वहीं द्रौपदी मुर्मू आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करते हुए छह साल तक झारखंड का राज्यपाल रह चुकी हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुआई वाली झामुमो केंद्रीय स्तर पर विपक्ष में होने के बावजूद अबतक अनिर्णय की स्थिति में है। ममता बनर्जी के साथ जाने या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद को आजमाने के मामले में अबतक कुछ भी तय नहीं हो पाया है। यूं कहें कि हेमंत सोरेन, आदिवासी राजनीति पर मोदी के मास्टर स्ट्रोक से बुरी तरह फंस गए हैं। हालांकि, आज झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से ये कहा गया है कि कोई भी फैसला लेने से पहले दिल्ली जाकर हेमंत सोरेन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे। लेकिन क्यों मिलेंगे, यह खुलासा नहीं किया गया है।
निशिकांत दूबे ने कहा, भ्रष्टाचार को बचाने की मंशा पूर्ण नहीं होगी
इधर, झारखंड की सियासत में रोज-रोज सनसनीखेज ट्वीट के जरिये नीचे से ऊपर तक खलबली मचाने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर आजादी के 75 साल बाद आदिवासी समाज को बड़ा सम्मान दिया है। ऐसे में झारखंड में आदिवासी की झूठी राजनीति करने वाली परिवारवादी झारखंड मुक्ति मोर्चा को तय करना है कि वह यशवंत सिन्हा और द्रौपदी मुर्मू में से किसको अपना समर्थन देगा। द्रौपदी मुर्मू को वोट देने के बदले इनकी अपने भ्रष्टाचार को बचाने की मंशा पूर्ण नहीं होगी। बताया गया है कि राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, शरद पवार के बाद शनिवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फोन कर राष्ट्रपति चुनाव में अपने पक्ष में समर्थन मांगा है। जबकि झामुमो के विधायकों और सांसदों की रांची में हुई महत्वपूर्ण बैठक में अंतिम निर्णय के लिए पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन को अधिकृत कर दिया है।
माननीय प्रधानमंत्री जी ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर आज़ादी के 75 साल बाद आदिवासी समाज को सम्मान दिया है,झारखंड में आदिवासी की झूठी राजनीति कर परिवारवादी @JmmJharkhand को तय करना है, पर इसके बदले अपने भ्रष्टाचार को बचाने की मंशा पूर्ण नहीं होगी— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) June 25, 2022
द्रौपदी मुर्मू ने किया नामांकन, यशवंत सिन्हा सोमवार को करेंगे
बता दें कि भाजपानीत एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए अपना नामांकन प्रपत्र दाखिल कर दिया है। उनके नामांकन में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रस्तावक बने हैं, जबकि देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अनुमोदक बने हैं। इस दौरान देश के गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, आरपीआई प्रमुख रामदास अठावले, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो समेत झारखंड भाजपा के कई दिग्गज मौजदू रहे। इधर तृणमूल कांग्रेस की अगुआई में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा द्वारा सोमवार को नामांकन किए जाने की बात सामने आई है। हालांकि यशवंत सिन्हा के बेटे हजारीबाग के भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा है कि उन्हें अपने संवैधानिक कर्तव्यों का बोध है। वे किसी भी सूरत में अपने पिता यशवंत सिन्हा को वोट नहीं देंगे।
झामुमो को अनिर्णय का फेर, दोराहे पर हेमंत सोरेन
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू या फिर यशवंत सिन्हा के समर्थन पर झारखंड की सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा फैसला नहीं ले पा रही है। जबकि देश की अधिकतर राजनीतिक पार्टियों ने अपना रुख साफ कर दिया है। झामुमो ने भी शनिवार को इस बाबत बैठक की, लेकिन आम सहमति नहीं बन पाई। इधर जाएं, कि उधर जाएं, जाएं तो जाएं कहां... विधायक, सांसद कुछ तय नहीं कर पा रहे। सब के सब दोराहे पर खड़े हैं। इस बीच जेएमएम के विधायक नलिन सोरेन ने नई बात कह कर सबको चौंका दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी की केंद्र सरकार से कुछ अपेक्षाएं हैं... हेमंत सोरेन, अमित शाह से मिलने दिल्ली जा रहे हैं। इसके बाद ही द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने पर फैसला होगा। इधर, झारखंड की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को देखें तो जिस तरह हाल के दिनों में हेमंत सोरेन के खिलाफ भाजपा ने आक्रामक तेवर अपनाए हैं, उससे द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना झामुमो के लिए सहज नहीं रहा। बीजेपी भ्रष्टाचार के मोर्चे पर लगातार हेमंत पर हमला बोलती रही है। हाल के दिनों में हजारीबाग में हुई भाजपा कार्यसमिति की बैठक में तो हेमंत सोरेन सरकार की एक्सीडेंटल डेथ होने तक की बात की गई थी।
कांग्रेस के साथ गठबंधन में चल रही झारखंड सरकार
झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुआई में झामुमो, कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार चल रही है। राज्य कैबिनेट में कांग्रेस-राजद के प्रतिनिधित्व की बात करें तो 4 मंत्री कांग्रेस के और एक मंत्री राजद के शामिल हैं। ऐसे में आदिवासी हितों की राजनीति करने वाली झामुमो को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने पर राजद और कांग्रेस के साथ संबंध बिगड़ने की भी फिक्र सता रही है। राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पहले ही यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का एलान कर चुके हैं। बहरहाल, झारखंड मुक्ति मोर्चा के ज्यादातर विधायक भले ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रहे हों, लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भारी असमंजस में है। राजनीति के जानकार बता रहे हैं कि द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के चलते झामुमो और कांग्रेस के संबंध बिगड़ सकते हैं। कांग्रेस के सहयोग से चल रही हेमंत सोरेन की सरकार खतरे में आ सकती है। साझा विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को समर्थन नहीं करने की स्थिति में बड़ा नुकसान हो सकता है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नई दिल्ली जाएंगे और वहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। पार्टी की कुछ अपेक्षाएं हैं, जिसपर वे केंद्रीय गृह मंत्री संग विमर्श करेंगे। इसके बाद ही मोर्चा राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपनी पसंद का खुलासा करेगा। नलिन सोरेन, झामुमो विधायक
राष्ट्रपति चुनाव में अभी काफी वक्त है। चुनाव की तारीख नजदीक आने पर फैसला करेंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष शिबू सोरेन को राष्ट्रपति चुनाव में निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है। सुप्रियो भट्टाचार्य, केंद्रीय समिति सदस्य, झामुमो