सिरसा में सेम के प्रोजेक्ट पर काम शुरू, चार गांवों में 50 ट्यूबवेल से ड्रेनेज में डलेगा पानी
सिरसा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा दिए गए सेम प्रोजेक्ट काम शुरू हो गया है। पहले ये काम 16 गांव से शुरू होगा। प्रोजेक्ट में सौर ऊर्जा से संचालित ट्यूबवेल होंगे और 80 से 100 एकड़ पर एक ट्यूबवेल लगेगा। लोग 25 साल से सेम की समस्या झेल रहे हैं।
सिरसा, जागरण संवाददाता। सिरसा के नाथूसरी चौपटा क्षेत्र के 20 गांवों में सेम की समस्या के निदान की पहल शुरू हो गई है। यहां सेम के पानी की निकासी के लिए 100 करोड़ का प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री की ओर से स्वीकार किया गया है जिसमें पहले 16 गांवों पर काम शुरू किया जाना है। जिनमें से चार गांव रूपाणा खुर्द, निर्बाण, गुडियाखेड़ा व नाथूसरी चौपटा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू कर दिया गया है। कृषि विभाग व हरियाणा भूमि सुधार विभाग के हरियाणा आपरेशनल पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत चार गांवों से की गई है।
1992 में आई थी सेम, अब तक समाधान नहीं
नाथूसरी चौपटा क्षेत्र के गांव दड़बा कलां, मानकदीवान, नहराना, नारायणखेड़ा, माखोसरानी, लुदेसर, तरक्कांवाली, शाहपुरिया, नाथूसरी कलां, गंजा रूपाणा, रूपाणा बिश्नोइयां, रूपाणा खुर्द, शक्कर मंदोरी, निर्बाण, गुडियाखेड़ा, रूपावास व कैरांवाली में सेम की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। यहां कुछ भूमि तो ऐसी है जहां वर्षों से कोई फसल नहीं हुई है बल्कि जलभराव की स्थिति बनी हुई है। वर्ष 1992 में सेम आई थी जिसके बाद इसे हल करवाए जाने के लिए मांग उठाई गई। तत्कालीन बंसीलाल की सरकार में हिसार-घग्घर ड्रेन बनाने की योजना बनाई गई लेकिन इस योजना को इनेलो की सरकार में सिरे चढ़ाया गया। लेकिन पानी निकासी का प्रबंध नहीं हो पाया।
कई सालों से नहीं ले पा रहे फसल
इन 20 गांवों के कई किसान ऐसे हैं जो सेम आने के बाद कभी फसल नहीं ले पाए हैं। कुछ ने तो गांव भी छोड़ दिए हैं जबकि कुछ साथ लगते दूसरे गांवों में खेती करने लगे हैं तथा कुछ किसानों ने रिश्तेदारियों में ठेके पर जमीन ले रखी है। इन किसानों को अपनी आजीविका चलाने के लिए खुद का खेत छोड़ना पड़ा है। सेम की समस्या की वजह से गांव के मकान भी खराब हो रहे हैं।
सौ एकड़ पर सौर ऊर्जा संचालित ट्यूबवेल, ड्रेनेज में डलेगा पानी
अधिकारियों के अनुसार पहले चार गांवों में पायलट प्रोजेक्ट पूरा किया जाएगा। यहां सेम का पानी निकालने के लिए 80 से 100 एकड़ पर एक ट्यूबवेल लगाया जा रहा है जो सौर ऊर्जा से संचालित होगा। चार ट्यूबवेलों को एक पाइप लाइन से जोड़कर फिर उसे हिसार घग्घर ड्रेन में डाला जाएगा। हिसार-घग्घर ड्रेन के माध्यम से ही सेम का पानी घग्घर नदी में डाला जाएगा।