पत्नी के निधन के बाद अपने ही घर में किया शर्मनाक काम, जेल में गुजरेगी वैशाली के शख्स की पूरी उम्र
पत्नी की मौत के बाद वैशाली के शख्स ने किया था गिरा हुआ काम अपने ही घर में गंदी करतूत करते खुद अपनी मां के हाथों पकड़ा गया कोर्ट में आरोप से मुकर गई थी बेटी बावजूद जज ने सुना दी उम्र कैद की सजा
जागरण संवाददाता, हाजीपुर। Patna News: बिहार के वैशाली के एक शख्स ने ऐसा घिनौना काम किया, जिसे जानकर आपको शर्म और गुस्सा दोनों होगा। अब इस शख्स के अपनी करतूत की सजा भुगतने की बारी है। उसकी पूरी उम्र जेल में गुजरेगी। उसकी करतूत जानकर आप कहेंग कि ये सजा भी कम ही है। दरअसल, इस शख्स की पत्नी की जवानी में ही मौत हो गई। पत्नी अपने पीछे एक बेटी को छोड़ गई थी। यह बेटी थोड़ी बड़ी हुई तो हैवान पिता ने उसपर ही अपनी गंदी नजर डाल दी। उसने अपनी ही बेटी के साथ कुकर्म किया। वह ऐसा आगे भी करते रहता, लेकिन खुद उसकी मां यानी बच्ची की दादी ने उसकी हरकत को देख लिया।
पीड़िता सहित कई गवाहों के मुकरने पर भी मिली सजा
वैशाली के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (षष्टम) सह पाक्सो के विशेष न्यायाधीश जीवन लाल ने तीन वर्ष पूर्व नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में पिता को उम्रकैद तथा 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वैशाली जिले में संभवत: यह पहला मामला है, जब दुष्कर्म के मामले में पिता को सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार को पीडि़ता का आर्थिक एवं सामाजिक सर्वेक्षण कराने के बाद उचित मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। बड़ी बात यह कि सुनवाई के दौरान पीडि़ता व एक अन्य गवाह अपने बयान से मुकर गए। फिर भी कोर्ट ने साक्ष्यों व सरकारी गवाहों के बयान को अहमियत दी और दोषी को सजा सुना दी।
11 साल की बच्ची के साथ पिता ने किया था दुष्कर्म
विदित हो कि जंदाहा थाना क्षेत्र के एक गांव में 11 वर्षीया बच्ची मां के निधन के बाद पिता के साथ रहती थी। दो अप्रैल 2019 को उसके साथ पिता दुष्कर्म कर रहा था, इस कुकृत्य को पीडि़ता की दादी ने देख लिया। उसने शोर मचाकर पड़ोसियों को जुटा लिया। लोगों ने पकड़ कर उसे बांध दिया और पुलिस बुलाकर सौंप दिया। इसके बाद पीडि़ता के बयान पर जंदाहा थाने में तीन अप्रैल 2019 को पिता पर दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
घटना के साल ही गठित हो गया आरोप पत्र
इस मामले में पुलिस ने पीडि़ता का बयान अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अनुपम कुमारी के समक्ष दर्ज कराया था। दो जून 2019 को आरोप पत्र समर्पित किया गया। न्यायालय ने 18 जून 2019 को संज्ञान लिया। 26 अगस्त 2019 को आरोप गठित किया गया। विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा ने नौ साक्षियों का परीक्षण-प्रतिपरीक्षण कराया। इसमें पीडि़ता सहित दो साक्षी बयान से मुकर गए जबकि सरकारी गवाह न्यायिक दंडाधिकारी अनुपम कुमारी, डा. ज्योत्सना, डा. बीके सिंह, डा. गोपाल प्रसाद सिंह, डा. एसके वर्मा एवं केस अनुसंधानक ने घटना को सही बताते हुए साक्ष्य प्रस्तुत किए। इस आधार पर न्यायालय ने दुष्कर्मी पिता को बीते 27 जून को दोषी करार किया। मामले में एक्सेस टू जस्टिस फार चिल्ड्रेन के सचिव सुधीर कुमार शुक्ला एवं उनकी टीम ने सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।