Muzaffarpur Weather: बारिश के साथ सुबह की शुरुआत, दिन में सूर्यदेव के दर्शन होंगे?
Today Weather in Muzaffarpur अगले तीन दिनों तक होगी हल्की से मध्यम वर्षा। अधिकतम तापमान सामान्य से 0.9 डिग्री तो न्यूनतम सामान्य से 1.0 डिग्री सेल्सियस अधिक। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 80 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 60 से 65 प्रतिशत रहने की संभावना है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। मानसून की सक्रियता का पूरा प्रभाव जिला और आसपास के क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। शनिवार की सुबह की शुरुआत बारिश से हुई है। अभी आसमान में बादल छाए हुए हैं। हालांकि लगातार हो रही बारिश के कारण आर्द्रता का स्तर काफी बढ़ गया है। आज सुबह में आर्द्रता 84 प्रतिशत है। यह अधिकतम स्तर कहा जा सकता है। मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान में आज ट्रेंड में किसी खास बदलाव के संकेत नहीं हैं। तात्पर्य यह कि शुक्रवार की तुलना में आज तापमान में मामूली अंतर देखने को मिलेगा, लेकिन पूरा दिन आसमान बादलों से ढंका रहेगा। रुक-रुककर गरज के साथ बारिश होगी। हवा की दिशा में बदलाव देखने को मिल रहा है। पूर्व दक्षिण व पूर्व दिशा से हवा चल रही है। शाम और रात में भी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। वज्रपात की आशंका भी है। इसलिए घर से सावधानी पूर्वक निकलें। बारिश से बचाव के उपाय साथ लेकर चलें। धूप निकलने की संभावना नहीं के बराबर है।
डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विज्ञानी डा. ए. सत्तार ने बताया कि अगले छह दिनों तक उत्तर बिहार में आसमान में मध्यम बादल छाए रहेंगे। अगले एक दो दिनों तक हल्की से मध्यम वर्षा होगी। उसके बाद वर्षा में थोड़ी कमी आएगी। इस दौरान अधिकतम तापमान 34-36 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। न्यूनतम तापमान 25-27 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 80 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 60 से 65 प्रतिशत रहने की संभावना है। 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पुरबा हवा चलेगी।
किसानों को सुझाव
जिन किसानों ने अभी तक धान के बिचड़े नहीं गिराए हैं, 10 जुलाई तक नर्सरी गिराने का काम कर लें। धान की अगात किस्में जैसे-प्रभात, धनलक्ष्मी, रिछारिया, साकेत 4, राजेंद्र भगवती एवं राजेंद्र नीलम उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित है।
- जिन क्षेत्रों में हल्की वर्षा हुई है, वहां उंची जमीन में सूर्यमुखी की बुआई के लिए मौसम अनुकूल है।
-उपरी जमीन में अरहर की बुआई करें। बुआई के समय प्रति हेक्टेयर 20 किलोग्राम नेत्रजन, 45 किलोग्राम फास्फोरस, 20 किलोग्राम पोटाश तथा 20 किलोग्राम सल्फर का व्यवहार करें।