अनुसूचित जाति के तीन और परिवारों ने किया पलायन
मेरठ, जेएनएन। सालौर गांव से अनुसूचित समाज के परिवारों का पलायन जारी है। शनिवार व रविवार को तीन परिवार जान का खतरा बताते हुए गांव से पलायन कर गए। हालांकि पुलिस गुर्जर पक्ष से प्रधानपति को जेल भेज चुकी है।
सालौर दक्षिणी गांव में टीकम गुर्जर और अनुसूचित समाज के बीर सिंह में रंजिश चल रही है। मंगलवार को बीर सिंह का बेटा दीपक किठौर से कोचिंग सेंटर से घर लौट रहा था। इसी दौरान गांव के मुख्य मार्ग पर ग्रामीणों के साथ प्रधानपति बरन सिंह गुर्जर और टीकम का बेटा सुनील बात कर रहे थे। इसी बीच दीपक की साइकिल प्रधानपति से छू गई। बीर सिंह का आरोप है कि इस पर प्रधानपति अपने बेटे आदित्य, भतीजे प्रवेश के अलावा अरुण, अक्षय और सुनील के साथ उसके घर आ धमके और मारपीट करते हुए गांव से भगाने की धमकी दी। पुलिस दोनों पक्षों में सुलह कराकर गांव से लौट गई, लेकिन प्रधानपति के अल्टीमेटम से भयभीत बीर सिंह गुरुवार को गाड़ी में सामान लादकर गांव से पलायन कर गए। आरोप है कि आरोपितों ने नित्यानंदपुर गांव के पास गाड़ी रोककर बीर सिंह, उनके बेटे दीपक, बेटी बोबी, सरोज और पुत्रवधू निशा के साथ मारपीट की। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर प्रधानपति बरन सिंह को थाने बुलाकर समझौते का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। पुलिस ने प्रधानपति को शनिवार को जेल भेज दिया और बीर सिंह पलायन कर मुंडाली के मुरलीपुर गांव में चले गए।
गुरुवार को बीर सिंह, शुक्रवार को उनके भतीजे अमित, शनिवार को दूसरे भतीजे वीरेंद्र और रविवार को दो भाई लटूर व हेम सिंह भी गांव छोड़ गए। एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि मामला गंभीर है। जांच कर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। कार्यवाहक थाना प्रभारी नरेश कुमार का कहना है कि पलायन का कोई मामला नहीं है। बीर सिंह ने मुरलीपुर में मकान बनाया है, वो वहीं जाकर रहने लगे हैं।