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स्टांप शुल्क से कई गुना अधिक लग रही पंजीकरण राशि, शासन के आदेश के बाद भी नहीं मिल रही छूट

रक्त संबंधों के बीच जमीन रजिस्ट्री कराने पर लोगों को राहत देने के लिए स्टांप शुल्क पांच हजार रुपये निर्धारित किया गया है। लेकिन इसकी पंजीकरण राशि संपत्ति के मूल्य का एक प्रतिशत है। यह इतना अधिक है कि लोग रजिस्ट्री कराने से कतरा रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 09:02 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 08:47 PM (IST)
स्टांप शुल्क से कई गुना अधिक लग रही पंजीकरण राशि, शासन के आदेश के बाद भी नहीं मिल रही छूट
रक्त संबंध में रजिस्ट्री करावाने पर स्टैंप शुल्क में छूट की घोषणा के बाद भी छूट नहीं मिल रही है।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। राजेंद्र नगर निवासी अमित दान विलेख (गिफ्ट डीड) यानी रक्त संबंध में रजिस्ट्री कराने के लिए निबंधन कार्यालय गए थे। नए नियम के अनुसार स्टांप शुल्क के रूप में उनसे पांच हजार रुपये लिए जा रहे थे लेकिन पंजीकरण धनराशि के रूप में एक लाख रुपये मांगे गए। अमित ने जब पड़ताल की तो पता चला कि पुराने नियम के अनुसार रजिस्ट्री कराई जाने वाली संपत्ति के एक प्रतिशत के बराबर पंजीकरण शुल्क लगेगा। उनके संपत्ति की कीमत करीब एक करोड़ रुपये है। अमित ने फिलहाल रजिस्ट्री कराने का विचार त्याग दिया है। अमित की तरह कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में निबंधन कार्यालय जाने के बाद रजिस्ट्री फिलहाल न कराने का निर्णय लिया है।

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पंजीकरण धनराशि में छूट की उम्मीद से शासन से आदेश आने का इंतजार

रक्त संबंधों के बीच जमीन रजिस्ट्री कराने पर लोगों को राहत देने के लिए स्टांप शुल्क छह महीने के लिए पांच हजार रुपये निर्धारित किया गया है। इसका शासनादेश भी आ चुका है लेकिन पंजीकरण धनराशि को लेकर कोई आदेश नहीं आया है। स्टांप शुल्क में छूट का आदेश आने के बाद सभी यह मानकर चल रहे थे कि पंजीकरण धनराशि में छूट का आदेश भी आ गया होगा लेकिन रजिस्ट्री कराने पहुंचने के बाद वास्तविक स्थिति पता चल रही है। निबंधन कार्यालय में इस बात की चर्चा है कि जल्दी ही इसको लेकर भी आदेश आ सकता है।

पंजीकरण की धनराशि भी कम होने का अनुमान

पंजीकरण धनराशि भी कम करने की तैयारी है। इस संभावना को देखते हुए लाखों रुपये खर्च करने की बजाय लोग कुछ दिन इंतजार करना बेहतर मान रहे हैं। एआइजी स्टांप कमलेश शुक्ला ने बताया कि दान विलेख में पांच हजार रुपये स्टांप शुल्क के रूप में लग रहे हैं। लेकिन पंजीकरण शुल्क के रूप में संपत्ति के कुल मूल्य का एक प्रतिशत लिया जा रहा है। पंजीकरण शुल्क कम करने को लेकर अभी कोई शासनादेश नहीं आया है।

इन्हें स्टांप शुल्क में मिल रही छूट

माता, पिता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु (पुत्र की पत्नी), दामाद (पुत्री का पति), सगा भाई, सगी बहन, पुत्र/पुत्री के पुत्र-पुत्री।


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