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यासीन मलिक के सताए कश्मीर के लोगों ने भी कहा- मलिक को फांसी हो, ताकि दूसरों को भी सबक मिले

Yasin Malik Terror Funding Case डाउन टाउन में रहने वाले अब्दुल रशीद ने कहा कि हमारा अच्छा खासा कारोबार था लेकिन सब तबाह हो गया। यह यासीन मलिक और उसके गुंडे जो आजादी के नाम पर हीरो बनकर घूमते थे उनके कारण हुआ।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 09:01 AM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 04:34 PM (IST)
यासीन मलिक के सताए कश्मीर के लोगों ने भी कहा- मलिक को फांसी हो, ताकि दूसरों को भी सबक मिले
डाउन टाउन में रहने वाले अब्दुल रशीद ने कहा कि हमारा अच्छा खासा कारोबार था, लेकिन सब तबाह हो गया।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चेयरमैन यासीन मलिक (Yasin Malik) टेरर फंडिंग (Terror Funding Case) के अलावा और भी कई केस चल रहे हैं। इनमें से एक केस वायुसेना के चार अधिकारियों को बलिदान करने का भी है। मलिक पर आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के रावलपोरा में वायुसेना के अधिकारियों पर हमला किया था। इस हमले में रवि खन्ना समेत वायुसेना के चार अधिकारी बलिदान हुए थे।

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वायुसेना के बलिदानी अधिकारी रवि खन्ना की पत्नी निर्मला खन्ना ही नहीं, यासीन मलिक के इशारे पर कश्मीर में मौत के घाट उतारे गए लोगों के स्वजन का कहना है कि अदालत का फैसला कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के अंत की शुरुआत है। बेशक उस पर अभी निर्दाेषों के कत्ल के मामले की सजा का एलान नहीं होने जा रहा है, लेकिन 25 मई को जब उसे टेरर फंडिंग मामले में सजा सुनाई जाएगी तो उसके बाकी गुनाहों का हिसाब भी शुरू हो जाएगा। जिस तरह से हम अपनों की मौत पर तड़पे हैं, उस तरह अब वह भी तड़पेगा। इस बार जेल की काल कोठरी का एक-एक दिन उसके लिए भारी होगा।

यासीन को फांसी मिले, ताकि दूसरों को भी सबक मिले : डाउन टाउन में रहने वाले अब्दुल रशीद ने कहा कि हमारा अच्छा खासा कारोबार था, लेकिन सब तबाह हो गया। यह यासीन मलिक और उसके गुंडे जो आजादी के नाम पर हीरो बनकर घूमते थे, उनके कारण हुआ। अब्दुल ने अपनी बाजू और जांघ में लगी गोलियां दिखाते हुए कहा कि 11 नवंबर 1989 को मैं अपनी दुकान पर बैठा था जब जेकेएलएफ के आतंकियों ने मुझ पर गोलियां दागी थी। फरवरी 1990 मे उन्होंने मेरे भाई मेहराज को कत्ल कर दिया, वह वकील था। जेकेएलएफ वालों के डर से कोई हमारे घर कंधा देने तक नहीं आया। हमें यहां से जम्मू जाना पड़ा। शुक्र है कि हमारी तबाही के जिम्मेदार यासीन मलिक से आज कानून हिसाब ले रहा है। उसे बार-बार फांसी दी जाए, ताकि दूसरों को भी सबक मिले।

मेरी तबाही के जिम्मेदार जेकेएलएफ के आतंकी :  वाहिद नामक एक पूर्व आतंकी ने कहा कि जेकेएलएफ के आतंकियों ने ही मेरे एक भाई को कत्ल किया था, क्योंकि हमने चंदा देने से मना किया था। हमारे घर पर अक्सर जेकेएलएफ के आतंकी हमला करते थे। एक दिन मैंने भी बंदूक उठाई और हिजबुल मुजाहिदीन का हिस्सा बन गया। इसके बाद मेरे घर पर हमले बंद हो गए। बाद में मैं पकड़ा गया। जेल से रिहा होने के बाद मैं आज दुकान चला रहा हूं, लेकिन आतंकी होने का धब्बा मेरे माथे पर है। अगर मेरे भाई का कत्ल न होता तो मैं भी एक डाक्टर या इंजीनियिर होता।

फांसी मिलेगी तो हिंदुओं में नया विश्वास पैदा होगा : पनुन कश्मीर के अध्यक्ष डा. अजय चरंगु ने कहा कि यासीन मलिक के खिलाफ अदालत का फैसला नजीर बनना चाहिए। उसे फांसी मिलनी चाहिए। उसके खिलाफ जो दूसरे मामले चल रहे हैं, उनकी सुनवाई भी तेजी से होनी चाहिए। अगर यासीन मलिक को फांसी दी जाती है तो कश्मीर में रहने वाले हिंदुुओं में भी एक नया विश्वास पैदा होगा।

आतंकवाद या अलगाववाद नहीं सिर्फ राष्ट्रवाद चलेगा : रैना

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि यासीन मलिक का अंत अब नजदीक है। कानून उसे कठोर सजा देने जा रहा है। वह दिन लद गए, जब निर्दाेष लोगों के कातिलों को यहां हीरो बनाकर रखा जाता था, अब इन्हें सजा मिलेगी। कश्मीर में आतंकवाद या अलगाववाद नहीं सिर्फ राष्ट्रवाद चलेगा। 


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