पिछड़ेगी टैक्स वसूली
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। वित्त मंत्री पी चिदंबरम भले ही चालू वित्त वर्ष 2013-14 में टैक्स वसूली का लक्ष्य प्राप्त होने का दावा कर रहे हों, लेकिन आयकर विभाग का मानना है कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में 15,000 करोड़ रुपये की कमी रह सकती है। अफसरों और कर्मचारियों की कमी के चलते आयकर संग्रह लक्ष्य से पीछे रह जाने की आशंका है। आयकर विभाग के अधिका
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। वित्त मंत्री पी चिदंबरम भले ही चालू वित्त वर्ष 2013-14 में टैक्स वसूली का लक्ष्य प्राप्त होने का दावा कर रहे हों, लेकिन आयकर विभाग का मानना है कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में 15,000 करोड़ रुपये की कमी रह सकती है। अफसरों और कर्मचारियों की कमी के चलते आयकर संग्रह लक्ष्य से पीछे रह जाने की आशंका है।
आयकर विभाग के अधिकारियों की एसोसिएशन का मानना है कि सरकार खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए तेजी से काम नहीं कर रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20,000 पदों पर भर्ती की मंजूरी तो दे दी है, लेकिन इसमें अभी वक्त लगेगा। तब तक प्रत्यक्ष कर संग्रह का काम पिछड़ता रहेगा। आयकर विभाग में फिलहाल 1,350 खाली पदों को प्रोन्नति के जरिये भरा जा सकता है। वैसे, आयकर विभाग के कैडर का पुनर्गठन कर 20,000 पद भरे जाते हैं तो उससे 25,750 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व का संग्रह किया जा सकेगा।
आयकर विभाग में सहायक आयुक्त और उप आयुक्त के 2,914 पद मंजूर हैं। मगर इन्हें घटाकर 1,528 कर दिया गया है। इन दोनों पदों के जरिये ही कुल प्रत्यक्ष कर राजस्व का 80 से 85 फीसद संग्रह होता है। ऐसे में इन अधिकारियों की कम संख्या आयकर राजस्व के लक्ष्य से पिछड़ने की मुख्य वजह बनती है।
चालू वित्त वर्ष में सरकार ने प्रत्यक्ष करों के जरिये 5.65 लाख करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह लक्ष्य रखा है। हालांकि, वित्त वर्ष के शुरुआती महीनों में संग्रह की रफ्तार धीमी रही है। लेकिन वित्त मंत्रालय मान रहा है कि दूसरी छमाही से टैक्स वसूली की रफ्तार बढ़ेगी। तीन दिन पहले ही वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी कर संग्रह के लक्ष्य को पा लेने की उम्मीद जताई थी।
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